acn18.com कोरबा/ एसईसीएल की खदानों में कोयले की अफरा-तफरी करने का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा। पहले जहां खदान से बाहर के चोर काले हीरे की चोरी किया करते थे वहीं अब खदान के भीतर काम करने वाली ठेका कंपनियों पर चोरी का आरोप लगा है। मानिकपुर खदान में नियोजित कलिंगा ठेका कंपनी पर कृषि कल्याण परिषद् के सदस्य ने कोयले की अफरा-तफरी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है,कि कंपनी के कर्मचारी खदान से बाहर चोरी छिपे कोयले की चोरी कर उसे बेच रहे है।
लाख कोशिशों के बाद भी एसईसीएल की खदानों से कोयला चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही। पहले जहां खदान से बाहर के चोरों पर कोयले की चोरी करने के आरोप लगते रहे हैं वहीं अब खदान के भीतर काम करने वाली ठेका कंपनियों के कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठाया जा रहा है। कृषि कल्याण परिषद् के सदस्य और मानिकपुर खदान के भू-विस्थापित अमन पटेल ने खदान में नियोजित कलिंगा ठेका कंपनी के कर्मचारियों पर कोयले की अफरा-तफरी करने का आरोप लगाया है। कुछ भू-विस्थापितों की रोजगार संबंधी समस्या का समाधान करने वे ठेका कंपनी के कार्यालय पहुंचे थें जहां अवैध रुप से कोयले का ढेर लगा हुआ था। उन्होंने बताया,कि मेस चलाने के नाम पर कोयला मंगाया जाता है फिर उसे खदान से बाहर किसी को बेच दिया जाता है। इस संबंध में उन्होंने प्रबंधन और पुलिस को भी जानकारी दी लेकिन उनके द्वारा इस दिशा में किसी तरह का ध्यान नहीं दिया गया।
खदान के भीतर ही काम करने वाली ठेका कंपनी के कर्मचारी जिस तरह से कोयला चोरी के कार्य में लगे हुए हैं वह एक गंभीर मसला है। इस दिशा में पुलिस और प्रबंधन दोनों को ही ध्यान देने की जरुरत है ताकी काले हीरे की चोरी को रोका जा सके।
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