Acn18.com/जबलपुर के चर्चित चर्च लैंड स्कैम केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात दबिश देकर पूर्व बिशप पीसी सिंह को गिरफ्तार कर लिया। ED ने यह कार्रवाई बीते महीने बिशप के जबलपुर स्थित घर और दफ्तर पर छापामार कार्रवाई के दौरान जब्त किए दस्तावेजों से मिले सबूतों के आधार पर की है। बता दें कि सात महीने पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीम ने भी बिशप के घर और दफ्तर पर छापा मारा था। EOW ने वहां से 1.65 करोड़ नकद जब्त किए थे।
आरोप है कि पीसी सिंह ने ‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस’ में चेयरमैन रहते हुए संस्था की जबलपुर सहित देश के अलग-अलग शहरों में स्थित चर्च की जमीन को खुद के फायदे के लिए बेचा है। ये आरोप भी है कि सोसायटी को मिली विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल खुद के नाम पर जमीन खरीदने में किया। इन्हीं शिकायतों की शुरुआती जांच के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार किया है।
पांच राज्यों में धोखाधड़ी के 35 मामले दर्ज
डॉ. पीसी सिंह के खिलाफ उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में धोखाधड़ी के 35 मामले दर्ज हैं। यह मामले संबंधित राज्यों के 10 शहरों में अलग-अलग समय पर सोसायटी की जमीन बेचने, सोसायटी के बजट का दुरुपयोग करने और आर्थिक गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के बाद दर्ज हुए हैं।
मनमर्जी से बढ़ाया खुद का चेयरमैनशिप का कार्यकाल
सीएनआई चर्च के रिकॉर्ड के मुताबिक पूर्व बिशप डॉ. पीसी सिंह को अक्टूबर 2017 में सीनेट 27 डायोसिस में अध्यक्ष चुना गया था। उनका कार्यकाल तीन साल का था। 2020 में कार्यकाल खत्म होने पर कोविड का हवाला देकर खुद ही अपना कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा लिया। इसके बाद से उन्होंने चुनाव नहीं कराए। उल्टे पीसी सिंह ने मिशनरी की तमाम जमीनों को खुद के फायदे के लिए लीज देकर और बेचकर मुनाफा कमाया।
जानिए बिशप ने कहां-कहां की धोखाधड़ी
कर्नलगंज, प्रयागराज, सिविल लाइन प्रयागराज, ब्यावर सदर अजमेर, विधायकपुरी जयपुर, सिविल लाइन अजमेर, बाराअतरु राजस्थान, सदर नागपुर, सास नगर खरार पंजाब, नवाबाद झांसी, प्रयागराज, जाफराबाद जौनपुर, कोतवाली कानपुर, प्रयागराज सिविल लाइन, शाहगंज प्रयागराज, मुठीगंज प्रयागराज, कर्नलगंज, सिविल लाइन प्रयागराज, कर्नलगंज प्रयागराज, जयपुर, जालना, यमुना नगर यूपी, हजरतगंज यूपी, पिथौरा महासमुद छत्तीसगढ़, रूपनगर सिटी मौरिंदा पंजाब, नवाबाद झांसी, सिविल लाइन रायपुर, गोल बाजार रायपुर, नागपुर, सदर विवर अजमेर, मोहाली राजस्थान, यमुना नगर।
हिंदू धर्म छोड़ क्रिश्चियन बने हैं पीसी सिंह
‘द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस’ के चेयरमैन और ईसाई धर्मगुरु बिशप डॉ. पीसी सिंह पहले हिंदू थे। उन्होंने धर्मांतरण कर ईसाई धर्म अपनाया था। वे मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं।
जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह… EOW ने गुरुवार को इनके घर छापा मारा, तो बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ। बच्चों की स्कूल की फीस धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर दी। खुद बिशप भी लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन हैं। छापे के दौरान सिंह खुद तो नहीं मिले, लेकिन उनके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां, 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर, सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला। हम आपको बता रहे हैं कि पीसी सिंह के धर्मांतरण करने से लेकर बिशप बनने की कहानी…। कैसे एक साधारण व्यक्ति… अरबपति बन गया।
जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह की अंडरवर्ल्ड तक पहुंच
उत्तर भारत के विभिन्न चर्च संगठनों का समूह ‘चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया’ (CNI) एक बार फिर चर्चा में है। देश की सबसे बड़ी ईसाई मिशनरी संस्था CNI में मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह पर अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के राइट हैंड रियाज भाटी के साथ संबंधों के आरोप लगे हैं। पीसी सिंह पर रायपुर सीनेट के नितिन लॉरेंस ने आरोप लगाया कि पीसी सिंह ने मिशनरी की मुंबई जिमखाना की जमीन का सौदा 3 करोड़ रुपए में रियाज भाटी से कर लिया था।
पूर्व बिशप पीसी सिंह के परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। PC सिंह और उसके बेटे पीयूष पाल के बाद अब जबलपुर EOW ने PC सिंह की पत्नी नोरा सिंह को भी आरोपी बनाया है। सिंह की पत्नी नोरा सिंह पर आरोप है कि उसने अपने पति के बिशप रहते हुए ईसाई मिशनरी के संस्थाओं में खूब हस्तक्षेप किया और मोटी रकम भी हासिल की। पीसी सिंह ने अपनी पत्नी नोरा सिंह को कई संस्थाओं में बकायदा डायरेक्टर भी नियुक्त किया था, जिसमें उसने बड़े पैमाने पर घोटाले भी किए।