Acn18.com/एमसीबी जिले के ग्रामीण ईलाकों में सरकारी शिक्षा की स्थिती बद से बदतर हो चली है। शिक्षकों की गैरमौजूदगी में भृत्य को ही स्कूल चलाना पड़ रहा है। बच्चे सिफ मध्यान्ह भोजन करने स्कूल आते हैं फिर वापस लौट जाते हैं। ऐसी स्थिती में उनका भविष्य क्या होगा यह समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
हम बात कर रहे हैं भरतपुर विकासखंड के ग्राम बडगांवकला के शासकीय मिडिल स्कूल की जहां की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। शिक्षकों की मनमानी के कारण स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है। वैसे तो स्कूल 26 जून से खुल गए हैं लेकिन शिक्षक अभी भी छुट्टिया बना रहे हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही। स्कूल का चपरासी ही शिक्षा के मंदिर को खोलता और बंद करता है। बच्चे केवल मध्यान्ह भोजन करने आते हैं और वापस लौट जाते है।
वैसे तो स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ है लेकिन वे यहां नजर आते ही नहीं। स्कूल में नियमित रुप से शिक्षकों की मौजूदगी को लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन इस दिशा में किसी तरह की कार्रवई नहीं हो सकी है।
इस संबंध में हमने जिला शिक्षाधिकारी से बात की तब उन्होंने कहा,कि एक शिक्षक के पास छात्रावास अधीक्षक का भी प्रभार है इस कारण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। शिक्षक की समस्या को लेकर उन्होंने जरुरी कदम उठाने की बात कही है।
इस दिशा में जिला शिक्षाधिकारी को उचित कदम उठाने की जरुरत है ताकी बच्चों का भविष्य न बिगड़ सके।