एसईसीएल की कोयला खदानों के कारण आम जनता का जीना दुश्वार हो गया है। खदान के भीतर उत्पादन के लिए होने वाली ब्लास्टिंग के कारण प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की घरें क्षतिग्रस्त होने लगी है। पिछले कई वर्षों से इस तरह की समस्या बनी हुई है बावजूद इसके प्रबंधन की मनमानी जारी है।
एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी के कारण प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। नियम कायदों को दरकिनार कर प्रबंधन द्वारा खदान के भीतर कोल उत्पादन के लिए मनमाने तरीके से ब्लास्टिंग कर रहा है जिससे लोगों के आवास क्षतिग्रस्त होने लगे है। ऐसा ही कुछ कुसमुंडा खदान से प्रभावित ग्राम रिस्दी में देखने को मिला जहां महिपाल सिंह नामक व्यक्ति का घर ब्लास्टिंग के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ। घर की सीढ़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई वहीं छप्पर को भी नुकसान पहुंचा है। इस घटना में महिपाल सिंह को लाखों को नुकसान उठाना पड़ा है।
एसईसील की खदानों के कारण आसपास रहने वाले लोगों के सामने पिछले कई वर्षों से यह समस्या चली आ रही है। खदानों में उत्पादन के लिए किए जाने वाले ब्लास्टिंग के लिए डीजीएमएस द्वारा मापदंड निर्धारित किए गए है जिसका उल्लंघन कर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है।
ब्युरो रिपोर्ट