तेज धूप में भी पेड़ से टपकी पानी की बूंदे:लोगों के लिए बना आस्था का केंद्र, पर्यावरणविद् ने बताया जल संग्रह का बड़ा स्रोत

Acn18.com/गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एक पेड़ आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मानस तीर्थ स्थल और सोन उद्गम सोनमुड़ा के पास एक पेड़ से पानी निकल रहा है। बूंद-बूंद कर लगातार पेड़ से पानी टपक रहा है जिसे देखने लोग यहां पहुंच रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, पेंड्रा से महज 12 किलोमीटर दूर सोन बचवार की जगह है। जहां से छत्तीसगढ़ में 40 किलोमीटर तक चलने वाली सोन नदी का उद्गम भी होता है। यहां स्थित भगवान शंकर के मंदिर में लोग जल चढ़ाने पहुंचते हैं। इसी बीच सावन सोमवार को जब भक्त पहुंचे तो उन्होंने पेड़ के तने से पानी टपकता देखा।

तेज धूप में भी पानी टपकने से लोग चौंक गए
धूप निकलते ही परिसर में लगे साजा पेड़ के तने से पानी टपकने लगा। जिसे देखकर लोगों ने इसे आस्था से जोड़ लिया। कुछ लोगों ने इसे चमत्कार बताया तो कुछ लोग वहीं जल चढ़ाने लगे। स्थानील लोगों ने बताया कि, पानी टपकने का सिलसिला काफी लंबे समय तक चलता रहा।

शोध का विषय
इस बारे में पर्यावरणविद पूरन छाबरिया ने कहा कि साजा प्रजाति का पेड़ जल संग्रह का सबसे बड़ा स्रोत होता है। यह पेड़ अपनी जड़ों में जल का संग्रह करता है और वही पानी धीरे-धीरे उत्सर्जित होते रहता है।

ग्रामीण परिवेश में साजा के पेड़ को ही देवता मानकर पूजा की जाती है। इस पेड़ की लकड़ी इतनी मजबूत होती है कि इसमें कील भी बड़ी मुश्किल से ठोकी जा सकता है।

सोनमुड़ा इलाका अमरकंटक की एक दर्शनीय जगह है। जो घने जंगलों के बीच बसी है। यह नर्मदा उद्गम स्थल से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सोनमुडा (sonmuda) जाने का रास्ता भी बेहद खूबसूरत है और रास्ते के दोनों तरफ ऊंचे ऊंचे पेड़ लगे हुए हैं। लोग यहां आकर सोन नदी का उद्गम स्थल देख सकते हैं।