राजधानी रायपुर में लोगों की भीड़ ने एक कुत्ते की बीच बाजार में लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस क्रूरता के बाद भी उनका मन नहीं भरा, तो उन्होंने कुत्ते के गले में रस्सी बांधकर उसे सड़क पर बेरहमी से घसीटा। मामला गुढ़ियारी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक गुढ़ियारी थाना क्षेत्र के पहाड़ी चौक हनुमान मंदिर के पास सोमवार की रात एक कुत्ते के साथ कुछ युवकों ने क्रूरता की हद पार कर दी। आदर्श नगर के कुछ युवकों ने एक कुत्ते को पकड़ लिया। वे उसे लाठी-डंडों से पीटने लगे। कुत्ते को तब तक पीटा गया, जब तक कि उसने दम नहीं तोड़ दिया। इसके बाद आरोपियों ने कुत्ते के गले में रस्सी बांध दी और उसे सड़क पर घसीटने लगे।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि पूरी घटना गुढ़ियारी थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर हुई। ऊपर से घटना के वक्त दो पुलिसकर्मी भी वहां से गुजरे, लेकिन उन्होंने भी आरोपियों को ऐसा करने से नहीं रोका। वहीं घटना बीच बाजार में हुई, जहां सड़क पर कई लोग और गाड़ियां आती-जाती दिख रही हैं, लेकिन फिर भी किसी ने भी घटना को रोकने की कोशिश नहीं की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि घटना के वक्त ट्रैफिक पूरी तरह से सामान्य था, फिर भी युवकों को न कानून का डर था और न लोगों का। वहां से गुजर रहे पुलिसकर्मियों ने भी अपनी गाड़ी नहीं रोकी।
इस मामले में देवेंद्र नगर थाना प्रभारी अलेक्जेंडर किरो ने कहा कि उस कुत्ते ने आदर्श नगर मोहल्ले के 5 बच्चों को काटा था, जिसकी वजह से गुस्साए लोगों ने लाठी-डंडे से पीटकर कुत्ते को मौत के घाट उतार डाला। इस घटना में शामिल कुछ युवकों को थाने बुलाया गया है। उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया था। साथ ही इस एक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक सजा या जानवरों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति को रोकना है। मामले को लेकर कई तरह के प्रावधान इस एक्ट में शामिल हैं। जैसे- अगर कोई पशु मालिक अपने पालतू जानवर को आवारा छोड़ देता है या उसका इलाज नहीं कराता, भूखा-प्यासा रखता है, तब ऐसा व्यक्ति पशु क्रूरता का अपराधी होगा।
सजा का प्रावधान
इसके अलावा अगर कोई किसी पशु को मनोरंजन के लिए अपने पास रखता है और उसके साथ क्रूरता का व्यवहार करता है, तो वह भी अपराध है। ये सभी संज्ञेय और जमानती अपराध होते हैं, जिनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है। ऐसे अपराधों के लिए कम से कम 10 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है।