Acn18.com/लंबे समय से कई प्रकार के नशे के अभ्यस्त हो चुके नशेड़ी को को सही रास्ते पर लाने के लिए ऑप्शनल थेरेपी दी जा रहे है। कुछ समय से इस वर्ग को दवा उपलब्ध नही होने से समस्या उतपन्न हो गई है। ऐसे ही कुछ नशेड़ीयों ने जिला अस्पताल परिसर मैं जमकर हंगामा किया। लोगों के द्वारा समझाइए दिए जाने का उन पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा।
कई प्रकार के नशे की जद में शामिल लोगों को बाहर लाने के लिए विभिन्न तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं। ओपीओईड सब्सीट्यूशन थेरेपी इसी का एक हिस्सा है जिससे लोगों के सुधार की कोशिश की जा रही है । कोरबा में 300 से ज्यादा ऐसे लोगों ने अपना पंजीकरण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में पिछले वर्षों में कराया है जिन्हें लगातार इस थेरेपी के अंतर्गत दवाएं दी जा रही थी। पिछले डेढ़ महीने से दवा की आपूर्ति ना होने से संबंधित लोगों को इसका वितरण नहीं किया जा सक रहा है। दवा की कमी से ऐसे युवक आए दिन हंगामा कर रहे हैं। एक ऐसी ही तस्वीर एक बार फिर यहां पर पेश आए इस दौरान इन्होंने अपने कारनामों से लोगों का ध्यान खींचा।
इस दौरान जमकर लात घूंसे चले बाद में कुछ लोगों ने हस्तक्षेप करने के साथ नियंत्रण किया और हंगामा करने वालों को सुरक्षित माहौल देने की कोशिश की। एक युवक ने बताया कि दवा नहीं मिलने के कारण दिक्कतें हो रही हैं और ऐसे में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ गोपाल कंवर ने स्वीकार किया कि कुछ समय से ओपीओईड सब्सीट्यूशन थेरेपी पर काम करने वाले सेंटर में दवाएं उपलब्ध नहीं है। इस दिशा में जरूरी जतन किए जा रहे हैं।
ओएसटी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ओपिओइड-आश्रित इंजेक्शन लगाने वाले नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं को मनो-सामाजिक हस्तक्षेपों के साथ-साथ चिकित्सकीय देखरेख में लंबे समय तक लंबे समय तक काम करने वाली ओपिओइड एगोनिस्ट दवाएं प्रदान की जाती हैं। कोरबा में दवाओं की कमियों का मामला कब तक निराकृत हो पाता है, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।