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छत्तीसगढ़ में जम गई ओस:जशपुर में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री पहुंचा, पूरे सरगुजा में कड़ाके की ठंड, पेंड्रा-कवर्धा भी ठिठुरे, रायपुर-बिलासपुर में हालात सामान्य

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acn18.com रायपुर/दिसंबर का पहला पखवाड़ा पार करने के बाद ठंड ने छत्तीसगढ़ में दस्तक दी है। सरगुजा संभाग के अधिकांश जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जशपुर, कोरिया, मैनपाट, बलरामपुर, पेण्ड्रा रोड और कवर्धा में ओस की बूंद जम गई है। रायपुर-बिलासपुर संभाग के अधिकांश जिलों में अभी हालात सामान्य बनी हुई है।

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मौसम विभाग के मुताबिक बीती रात जशपुर प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा। वहां न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस मापा गया है। एक दिन पहले सबसे ठंडे रहे कवर्धा में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री है। सरगुजा संभाग के दूसरे जिलों में कोरिया 6.2 डिग्री और अंबिकापुर 7.9 तक ठंडे हो गए हैं। बस्तर संभाग में नारायणपुर सबसे ठंडा है। यहां न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस मापा गया है।

कांकेर में तापमान 9.8 डिग्री दर्ज हुआ है। तापमान में दो दिनों की लगातार गिरावट होने से पाले का असर दिखने लगा है। सरगुजा, कोरिया, पेण्ड्रा रोड और कवर्धा की चिल्फी घाटी क्षेत्र में ओस की बूंद जमने से बर्फ गिरने जैसा दृश्य दिखने लगा है। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे नजारे लगभग हर सुबह दिखने वाले हैं।

कोरिया जिले के गांवों में पुआल पर बर्फ की पतली चादर सी बिछ गई है।
कोरिया जिले के गांवों में पुआल पर बर्फ की पतली चादर सी बिछ गई है।

बिलासपुर में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस आया है। यह सामान्य से करीब दो डिग्री तक कम है। दुर्ग और राजनांदगांव का न्यूनतम तापमान इससे भी कम 10.8 डिग्री दर्ज किया गया है। मुंगेली का तापमान 9.5 और कोरबा का 9.8 डिग्री सेल्सियस मापा गया है। इसकी वजह से इन जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में रात को ठंड का एहसास बढ़ गया है। सुबह घना कोहरा देखा जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर से आ रही ठंडी और सूखी हवाओं का प्रभाव बढ़ने से न्यूनतम तापमान में इस तरह की गिरावट हुई है। अगले दो दिनों तक यह ट्रेंड बने रहने की संभावना बनी हुई है।

रायपुर शहर में मामूली ठंड बढ़ी

इस बीच राजधानी रायपुर का मौसम खुशगवार हो गया है। यहां दिन का अधिकतम तापमान 28 से 30 डिग्री के बीच बना हुआ है। सोमवार को यहां न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस रहा। रविवार को यह 14.5 डिग्री मापा गया था। यह तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है। माना में न्यूनतम तापमान 12-13 डिग्री सेल्सियस रहा है। इसका मतलब है कि रायपुर शहर के बाहरी हिस्सों में ठंड का असर कुछ बढ़ा है। भारी आबादी वाले क्षेत्रों में ठंड का असर नहीं दिख रहा है।

साल के आखिरी दिनों में अधिक सर्द होगी रात

मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा का कहना है, अभी जिस तरह का मौसमी तंत्र है उसके मुताबिक अगले दो दिनों तक न्यूनतम तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव दिखेगा। कोई उल्लेखनीय गिरावट नहीं होगी। 22 दिसम्बर से न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी। लेकिन दिसम्बर के आखिरी दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान दोनों में गिरावट हो सकती है। इसकी वजह से अधिकांश क्षेत्रों में बढ़ी ठंड का एहसास होगा।

सोनहत ब्लॉक के खेतों में झाड़ियों पर सर्दी का ऐसा असर दिख रहा है।
सोनहत ब्लॉक के खेतों में झाड़ियों पर सर्दी का ऐसा असर दिख रहा है।

छत्तीसगढ़ में शून्य डिग्री तक गिरता है पारा

सर्दियों के मौसम में सरगुजा संभाग के जिलों में पारा शून्य डिग्री तक गिर जाता है। इसके अलावा बिलासपुर संभाग के पेण्ड्रा रोड, कोरबा, दुर्ग संभाग के कबीरधाम और बस्तर के नारायणपुर, सुकमा आदि में कड़ाके की ठंड पड़ती है। यहां दिसम्बर-जनवरी में पाला भी पड़ता है। मौसम विभाग के रिकॉर्ड में अंबिकापुर का सर्वकालिक न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज है। यह 16 दिसम्बर 1955 को रिकॉर्ड किया गया था। जशपुर, बलरामपुर और कोरिया में इससे भी अधिक ठंड होती है।

मौसम विभाग ने बताया कि न्यूनतम तापमान में गिरावट का यह ट्रेंड जारी रहेगा। इससे आने वाले दिनों में जिले में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। उत्तर से बर्फीली हवा का आगमन शुरू हो गया है। जिससे दिन में भी तापमान में गिरावट होगी। शनिवार को न्यूनतम तापमान 13 डिग्री और अधिकतम तापमान 28 डिग्री दर्ज किया गया।

इधर आधा दिसंबर बीत जाने के बाद भी अब तक जिले में अच्छी ठंड की शुरुआत नहीं हो सकी थी, जिससे लोगों में भी ठंड का इंतजार बना हुआ है। मौसम विभाग ने आगे अच्छी ठंड का संकेत तो दिया है, लेकिन यह काफी कम समय के लिए ही रह सकती है। दिसंबर के 10 से 12 दिन ही कड़ाके की ठंड की स्थिति बनेगी। जनवरी में एक बार फिर तापमान में बढ़ोतरी शुरू होने की संभावना है।

रायपुर में 8.3 डिग्री तक ठंडी रही नवम्बर की रात.. नीचे पढ़ें

मौसम में उलटफेर जारी है। दिसंबर माह के शुरुआत में बादल के चलते कुछ दिनों तक ठंड से राहत थी। बात करें पिछले माह की तो राजधानी रायपुर में नवंबर महीने की रात 8.3 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी रही थी। लेकिन बीते 10 सालों में तापमान में इतनी गिरावट कभी नहीं हुई। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर का औसत अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहा। आज से 139 साल पहले यानी 22 नवम्बर 1883 को रायपुर में न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। रिकॉर्ड में वह नवंबर महीने में अब तक की सबसे ठंडी रात थी। पिछले 10 सालों में नवंबर का तापमान 13.3 डिग्री सेल्सियस से नीचे कभी भी नहीं गया। 2021 में 29 नवंबर को सबसे कम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था।

बच्चों और बुजुर्गों को सावधानी बरतने की जरुरत

ज्यादा ठंड में नवजात शिशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है। जबकि बुजुर्गों को ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. शारजा फुलझेले व एक निजी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. युसूफ मेमन के अनुसार ज्यादा ठंड नवजात व बुजुर्गों के लिए विशेष एहतियात बरतने वाला होता है। नवजात को ज्यादा ठंड सहन नहीं होती। वहीं बुजुर्गों के खून के नसें पहले से कमजाेर हाेती है। ठंड में यह और सिकुड़ जाती है। ऐसे में ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ठंड में इन्हें घर से बाहर निकलते समय विशेष सावधानी बरतनी होती है।

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण कार्यक्रम में हुए शामिल

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