शराबबंदी की मांग, CM हाउस घेरने पहुंची महिलाएं:अलग-अलग जिलों से पैदल चलकर आईं, पुलिस ने पहले ही रोक दिया

Acn18.com/छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर दुर्ग संभाग के अलग-अलग जिलों से 15 महिलाओं के समूह ने पदयात्रा निकाली है। यह पदयात्रा राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ से 13 जुलाई को शुरू हुई और रविवार को सीएम हाउस भिलाई तीन पहुंची।

सीएम हाउस में मुख्यमंत्री के नहीं होने से पुलिस बल ने महिलाओं को काफी पहले ही रोक दिया। इसके बाद महिलाओं ने सीएम के नाम का ज्ञापन सौंपा और फिर वहां से वापस लौट गईं। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही दिन रह गए हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को राज्य में संपूर्ण शराबबंदी की याद दिलाने के लिए महिला समूह ने पद यात्रा निकाली। इस पदयात्रा में दुर्ग संभाग के अलग-अलग जिलों से 15 महिलाओं के समूह ने भाग लिया।

महिलाओं ने 13 जुलाई को डोंगरगढ़ से मातारानी का आशीर्वाद लेकर 13 जुलाई को पदयात्रा की शुरुआत की थी। भाजपा समर्थित इस पदयात्रा का उद्देश्य कांग्रेस को उनके द्वारा किए गए चुनावी वादों को याद दिलाना था। इसमें एक मुद्दा शराबबंदी का है।

छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस को घेर रही है। 13 महिलाओं के समूह के सीएम हाउस पहुंचने से पहले ही पुलिस ने काफी पहले ही बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया था। महिलाओं ने वहीं नारेबाजी कर शराबबंदी की मांग की। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

अंतिम विधानसभा सत्र में सीएम करें शराबबंदी की घोषणा
पदयात्रा में दुर्ग जिले से शामिल लक्ष्मी साहू ने बताया कि वो लोग डोंगरगढ़ से पदयात्रा करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास तक आए थे। यहां उनसे मिलने नहीं दिया गया। हम लोग छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी चाहते हैं। भूपेश बघेल ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में जब उनकी सरकार आएगी तो राज्य में पूर्ण शराबबंदी करके मात्र शक्ति को तोहफा देंगे। 18 जुलाई को अंतिम बजट सत्र चालू होने जा रहा है। हम लोग यह मांग लेकर आए हैं कि मुख्यमंत्री अंतिम सत्र में पूर्ण शराब की घोषणा करें।

खैरागढ़ जिले से आई वंदना डांडेकर ने बताया कि 13 तारीख से लगातार चल रहे हैं। धूप, बारिश का सामना करते हुए मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचे थे। हम मुख्यमंत्री को ये संदेश भेजे थे कि 15 महिलाओं का समूह आ रहा है। वो शांतिपूर्ण तरीके आकर सीएम से मुलाकात करके अपनी बात रखेंगी। कई महिलाओं की तबीयत खराब हुई, फिर भी महिलाएं सीएम हाउस पहुंची। इसके बाद भी मुख्यमंत्री से महिलाओं को मिलने नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री अगर चाहते हैं कि अभी और लड़ाई लड़नी है तो हम वो लड़ाई भी लड़ने के लिए तैयार हैं।