acn18.com उज्जैन/महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के नए दर्शन परिसर ‘महाकाल लोक’ के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन पहुंचे। अहमदाबाद से विशेष विमान के जरिए वे पहले इंदौर और वहां से एयरफोर्स के चॉपर से उज्जैन पहुंचे। हेलिपैड से प्रधानमंत्री मोदी सीधे महाकाल मंदिर पहुंचे। गर्भगृह में नंदी को प्रणाम कर महाकाल के दर्शन किए।
मोदी करीब 3 घंटे तक उज्जैन में रुकेंगे। उज्जैन में शाम 6.30 बजे 200 संतों की मौजूदगी में वे ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम स्थल पर वाटर प्रूफ डोम बनाया गया है, जहां 60 हजार लोग मौजूद रहेंगे। इस दौरान क्षिप्रा के तट पर इस प्रोग्राम को दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं। यहां करीब एक लाख लोगों के जुटने की संभावना है। ये प्रोग्राम 40 देशों में लाइव दिखाया जाएगा।
‘महाकाल लोक’ प्रोजेक्ट दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है। इसके जरिए 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है, जहां से श्रद्धालु गर्भगृह पहुंचेंगे।
PM के प्रोग्राम के अपडेट्स…
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में हेलिफैड से सीधा महाकाल मंदिर पहुंचे। वे इंदौर से एयरफोर्स के चॉपर से उज्जैन आए।
- इंदौर में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मंत्री तुलसी सिलावट, कैलाश विजयवर्गीय ने उनका स्वागत किया।
- प्रधानमंत्री का मध्यप्रदेश में महीने में ये दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क (श्योपुर) आए थे।
महाकाल लोक प्रोग्राम की मेगा तैयारियां…
1. कलावे से बनाया 15 फीट ऊंचा शिवलिंग
महाकाल लोक में मुख्य नंदी द्वार पर करीब 15 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया है। इसे रक्षा सूत्र (कलावा) से तैयार किया गया है। इसे कपड़े से ढंका जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिमोट का बटन दबाएंगे और कपड़ा हट जाएगा। इसी के साथ महाकाल लोक का लोकार्पण होगा।
2. 60 KM लंबे इंदौर-उज्जैन हाईवे को स्पेशल लाइटिंग से सजाया
उज्जैन में रात को हेलिकॉप्टर के उड़ने और उतरने की सुविधा नहीं है। वापसी में प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से इंदौर जा सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए उज्जैन के बीच 60 KM लंबे हाईवे को स्पेशल लाइटिंग के जरिए दुल्हन की तरह सजाया गया है।
3. सजावट के लिए बेंगलुरु-पुणे से मंगाए गए फूल
महाकाल का गर्भगृह और नंदी हाल के साथ ही परिसर के सभी मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं। यहां 40 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड के आस-पास पुष्प सज्जा भी की गई है। मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि सजावट के लिए सात शहरों से फूल मंगाए गए हैं। इनमें देसी गुलाब, गेंदा, सुगंधित पुष्प इसके अलावा विशेष किस्म के डच गुलाब, जरबेरा, लिली, रजनीगंधा, एंथोरियम शामिल हैं। विशेष किस्म के फूल पुणे और बेंगलुरु से मंगाए गए हैं।
4. कार्यक्रम 40 देशों में LIVE दिखाया जाएगा
उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति करेंगे। मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल समेत 6 राज्यों के कलाकार इस दौरान प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 40 देशों में होगा। शिप्रा नदी के सभी घाटों पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु बड़ी स्क्रीन पर कार्यक्रम देखेंगे। मध्यप्रदेश के प्रमुख मंदिरों में लोग शिव भजन, पूजन, कीर्तन, अभिषेक, आरती करेंगे। शंख, घंटे-घड़ियाल बजने के साथ ही मंदिरों, नदियों के तट और घरों में दीपक जलाए जाएंगे।
मध्य प्रदेश के सभी बड़े शिव मंदिरों जैसे टीकमगढ़ का बांदकपुर मंदिर, छतरपुर का जटाशंकर मंदिर आदि स्थानों में सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। यहां पर भी लाइव प्रसारण हाेगा। उज्जैन एवं इंदौर संभाग के हर जिले से विभिन्न समाज और संस्थाओं के अध्यक्ष, पार्षद, सरपंच, तड़वी, पटेल, पुजारी आदि को लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्र से जल लेकर आएंगे और उज्जैन रुद्रसागर में समर्पित करेंगे।
5. 6 राज्यों के 700 कलाकार पहुंचे हैं प्रस्तुति देने
प्रधानमंत्री के महाकाल लोक अवलोकन के दौरान मध्यप्रदेश की मालवा संस्कृति का नृत्य, गुजरात का गरबा, केरल के कलाकार कथक और आंध्र प्रदेश के कलाकार कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति देंगे। खास बात यह है कि झारखंड के ट्राइबल एरिए से आए 12 कलाकार PM मोदी के सामने अपनी सांस्कृतिक परंपरा अनुसार भस्मासुर की प्रस्तुति देंगे। PM इलेक्ट्रिक व्हीकल से महाकाल लोक का अवलोकन करेंगे। इस दौरान वे कलाकारों से भी मिल सकते हैं।
6. एयरफोर्स के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर पहुंचे
प्रधानमंत्री के इंदौर से उज्जैन जाने के लिए वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। ‘एमआई 17वी5’ मीडियम लिफ्ट चॉपर्स खासतौर पर VIP ड्यूटी के लिए तैयार और मोडिफाई किए गए हैं। PM की सुरक्षा में 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसमें प्रदेशभर से अधिकारियों के साथ स्पेशल टीम शामिल है। बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) की 12 टीम अलग-अलग पॉइंट पर तैनात हैं।
उज्जैन में डीआरपी लाइन, इंदौर रोड, महामृत्यंजय चौराहा, आस्था गार्डन तिराहा, शांति पैलेस तिराहा, हरिफाटक ओवर ब्रिज, त्रिवेणी संग्रहालय, हरसिद्धि चौराहा, शिप्रा नदी का छोटा ब्रिज, सिंहस्थ द्वार दोपहर 3 बजे से आम लोगों के लिए बंद कर दिए गए हैं।
PM मोदी के दौरे का मिनट टू मिनट प्लान जान लीजिए
- शाम 6.25 बजे महाकाल लोक पहुंचेंगे। कॉरिडोर लोकार्पण कार्यक्रम शाम 6.25 बजे से 7.25 बजे तक चलेगा।
- शाम 7.25 बजे कार्तिक मेला ग्राउंड पहुंचेंगे। यहां उनकी अगवानी उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव करेंगे।
- शाम 7.15 बजे से रात 8 बजे तक कार्तिक मेला ग्राउंड प्रोग्राम में रहेंगे।
- रात 8.30 बजे उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना होंगे।
- इंदौर एयरपोर्ट से रात 9 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
50 साल की प्लानिंग- देश का सबसे व्यवस्थित मंदिर
12 अक्टूबर से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था में देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर हो जाएगा। यहां दर्शन व्यवस्था अगले 50 साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी सुविधा बिना भीड़ के सुविधाजनक और कम समय में दर्शन की मिलेगी। रात में सोने की तरह दमकने वाले कॉरिडोर में सुंदरता के साथ श्रद्धालुओं को शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे त्योहार पर दर्शन की ऐसी बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है, जो देश के किसी मंदिर में नहीं है।
किसी भी त्योहार पर न तो महाकाल पहुंचने वाले वाहनों को शहर से दूर रोका जाएगा और न ही कई किमी पैदल चलना होगा। श्रद्धालुओं को पार्किंग से लेकर महाकाल दर्शन तक पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे, वहीं एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। व्यवस्था ऐसी होगी कि एक दिन में 10 लाख श्रद्धालु भी पहुंच जाए तो उन्हें दर्शन कराए जा सकते हैं। ये फेस-1 की व्यवस्था है, जिसका उद्घाटन होगा।
फेस-2 की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। इसमें सिंहस्थ को ध्यान में रखकर प्लान किया गया है। सिंहस्थ के दौरान इंदौर, रतलाम, देवास, मक्सी जैसे किसी भी शहर से उज्जैन आने पर सिंहस्थ मेले के डेढ़ किमी नजदीक गाड़ियां पार्क हो सकेंगी। लोगों को मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए न तो कई किमी पैदल चलना होगा और न ही किसी पास की जरूरत होगी।
डेढ़ किमी क्षेत्र में भी तिरुपति की तरह बैटरी वाली सरकारी गाड़ियां चलेंगी। 30 सितंबर 2023 तक महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2500 गाड़ियों की पार्किंग तैयार हो जाएगी, वहीं सिंहस्थ को लेकर 7 हजार गाड़ियों की स्थाई पार्किंग व्यवस्था नदी के किनारे ही बनाई जा रही है। इसके लिए शिप्रा किनारे कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
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