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दुनिया में कोरोना का खतरा:चीन में हालात बिगड़े, क्लास में भी छात्रों को लगाई जा रही ड्रिप; श्मशानों में 20 दिन वेटिंग

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acn18.com नई दिल्ली/चीन में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि कोरोना का पीक इसी हफ्ते आएगा। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने कहा कि चीन में रोजाना 10 लाख केस आ रहे हैं और 5 हजार मौतें हो रही हैं। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में गुरुवार को सिर्फ 4 हजार केस ही बताए गए।

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चीन और चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली वाली ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग ने कुछ वीडियो पोस्ट किए हैं। इनमें दिख रहा है कि क्लासेस में पढ़ाई के वक्त भी बच्चों को ड्रिप चढ़ाई जा रही है, क्योंकि उनका संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। एक वीडियो में श्मशान में लंबी कतार दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि श्मशानों में अंतिम संस्कार के लिए 20 दिन की वेटिंग है।

कोरोना से जुड़े आज के 3 बड़े अपडेट्स…

  • शंघाई के एक अस्पताल ने अनुमान लगाया है कि चीन में अगले हफ्ते के आखिर तक 2.5 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार चीन में अगले साल तक 10 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि उसे चीन से नए कोरोना मरीजों का कोई डेटा नहीं मिला है। हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, चीनी सरकार कोरोना केसेस की गिनती नहीं कर पा रही है।
  • दुनिया में भी केस बढ़ रहे हैं। US में संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार पहुंचा। जापान में 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है।
  • पहले बात चीन की…फिर बॉर्डर सील
  • चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बार फिर बॉर्डर सील करना शुरू कर दिया है। युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर में सीमा पार करने वालों पर नजर रखने के लिए कैमरे और अलार्म लगा दिए गए हैं। इतना ही नहीं मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग भी लगाई है।2021 में भी चीन ने सीमाएं सील कर दी थीं। दूसरे देशों से गैरकानूनी तरीके से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी। रूस से सटे शहर हीये में कोविड के जिम्मेदार लोगों की सूचना देने पर 15 लाख का इनाम तक रखा गया था।

    अब बाकी दुनिया का हाल…

    जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले आधे से ज्यादा बच्चे पहले से ही स्वस्थ थे और उनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे।
    जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले आधे से ज्यादा बच्चे पहले से ही स्वस्थ थे और उनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे।

    जापान: 8वीं लहर आई, बच्चों की मौतें ज्यादा

    चीन के बाद जापान में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 8वीं लहर आ चुकी है और ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बच्चों की मौत हो रही है। 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। चीन में बिगड़ते हालात ने जापान की चिंता को बढ़ा दिया है।

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट जानलेवा साबित हो सकता है। ओमिक्रॉन ने अब तक 41 बच्चों की जान ली है। इनमें से 15 बच्चे पहले से बीमार नहीं थे। इन 15 में से 4 बच्चों की उम्र एक साल से कम थी। 2 बच्चों की उम्र एक से 4 साल के बीच थी और 9 बच्चे 5 साल की उम्र से ज्यादा के थे।

    US: संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ पार
    अमेरिका में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 करोड़ पार कर गया है। यहां कोरोना के 70% मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स को ही अहम वजह माना जा रहा है।

    साउथ कोरिया और फ्रांस: 24 घंटे में 1.25 लाख नए केस

    कोरोना worldometers के आंकड़ों के मुताबिक साउथ कोरिया और फ्रांस में पिछले 24 घंटों मेें 1 लाख 25 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं। साउथ कोरिया में नए केसों की संख्या 75 हजार 744 और फ्रांस में आंकड़ा 49 हजार 517 है। फ्रांस में 120 और साउथ कोरिया में 62 लोगों की जान गई है।

    ब्राजील और जर्मनी: 24 घंटे में 350 से ज्यादा मौतें

    ब्राजील में 24 घंटे में 43 हजार 392 केस सामने आए हैं। यहां 165 मौतें हुई हैं। जर्मनी में 41 हजार 431 केस सामने आए। यहां मौतों का आंकड़ा 187 है। दोनों देशों में मौतों की संख्या 352 है।

  • ओमिक्रॉन का वैरिएंट BF.7 क्या है?

    • कोरोना वायरस का एक वैरिएंट है ओमिक्रॉन। इसके कई सब वैरिएंट हैं, जैसे- BA.1, BA.2, BA.5 वगैरह। ओमिक्रॉन का ऐसा ही एक लेटेस्ट सब वैरिएंट है BA.5.2.1.7 जिसे शॉर्ट में BF.7 कहा जा रहा है।
    • BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।
    • आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।
    • कोरोना पर फिर जानकारी छुपा रहा चीन, WHO को नहीं बताई अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या
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