ACN18.COM कोरबा / नेशनल फोरम आफ साइकोलॉजिकल के तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन कोरबा के पीजी कॉलेज में आयोजित किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालय से आए प्रोफ़ेसर ने मानसिक स्वास्थ्य विषय पर अपनी बात रखी। इस मौके पर लोगों को प्रकृति के नजदीक रहने के लिए जागरूक किया गया।
पीजी कॉलेज कोरबा के सभागार में आयोजित अधिवेशन का शुभारंभ शनिवार को हुआ। विभिन्न विश्वविद्यालयों में मनोविज्ञान पर अध्यापन कराने वाले प्रोफेसर इस अधिवेशन का हिस्सा बने हैं। अधिवेशन में उपस्थित प्रोफेसर और विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर जय सिंह ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पहले इतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन कोरोना ने सभी को इसकी अहमियत बताई है। उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव के लिए बेहतर जीवन शैली को नहीं अपनाना अहम कारण है। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वे दूसरों की सुनें और खुद को बेहतर करें।
कमला देवी रांची महाविद्यालय राजनांदगांव में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ बसंत सोनकर ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पर पिछले कुछ वर्षों से लगातार काम हो रहा है। लोगों को समझना होगा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने के अंजाम बुरे होंगे।
पीजी कॉलेज कोरबा के प्राचार्य डॉ आरके सक्सेना ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के विषय को लेकर 2 दिन का वार्षिक अधिवेशन किया गया है। कई महाविद्यालयों की उपस्थिति यहां पर सुनिश्चित हो रही है। इस अधिवेशन में वर्चुअल मोड में भी व्याख्यान की व्यवस्था रखी गई है।
उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा समय-समय पर अलग-अलग विषयों को लेकर महाविद्यालय में सेमीनार आयोजित किये जाते रहे है। इसके माध्यम से विषयों के प्रति प्राध्यापकों की समझ विकसित होती है और वे विद्यार्थियों की चेतना को और ज्यादा प्रगतिशील बनाने में समर्थ होते हैं