acn18.com कोरबा /जल संसाधन विभाग के रवैया से तंग आकर मुरली गांव के लोग कोरबा जिला मुख्यालय में धरने पर बैठे हुए हैं। लोगों को अपनी जमीन का मुआवजा दो दशक के बाद भी नहीं मिल पाता है। ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी समस्या हल नहीं होती है तब तक धरना जारी रहेगा।
कोरबा जिले के दूरस्थ मुरली गाव के कई लोगों की जमीन जल संसाधन विभाग के द्वारा 22 वर्ष पहले अधिग्रहीत की गई थी। इस पर बांध का निर्माण किया गया है । लेकिन प्रभावित वर्ग को मुआवजा देना जरूरी नहीं समझा गया है। नाराज ग्रामीणों ने इसी मसले को लेकर कोरबा में सिंचाई विभाग के खिलाफ धरना दिया। ग्रामीणों ने मुआवजा मामले को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए है और राजधानी तक प्रदर्शन करने का दावा किया है।
कोरबा जिले में कई औद्योगिक परियोजनाओं से संबंधित मुआवजा के मामले काफी समय से अटके हुए हैं और इसे लेकर आए दिन प्रदर्शन होना आम बात है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के द्वारा जिस मुद्दे को लेकर कोरबा में प्रदर्शन किया जा रहा है, वह कहां पर जाकर समाप्त होगा यह देखना दिलचस्प होगा।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं :-