acn18.com एमसीबी/ एमसीबी जिले के जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल काफी बेहाल है। सौ बिस्तर वाले इस अस्पताल में मरीजों के जिंदा लौटने की गांरटी काफी कम होती है यही वजह है,कि आए दिन किसी न किसी मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते है। चिकित्सकों की लेटलतीफी और उपचार में लापरवाही के कारण अक्सर मरीजों की जान चली जाती अस्पताल की विश्वसनियता पर सवालिया निशान लग रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े वादा कर रही है। सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं जहां सर्जरी से लेकर बड़े-बड़े इलाज किए जा रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों मे वास्तविकता धरातल पर कुछ और ही देखने को मिल रही है। ऐसा ही मामला एमसीबी जिले के जनकपुर भरतपुर विधानसभा के 100 बिस्तर वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां आए दिन किसी न किसी मरीज को लेकर हंगामा होते रहता है। डॉक्टरों के रहने पर भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है या फिर मरीज तक डॉक्टर उस समय तक नहीं पहुंच पाते हैं जब तक मरीज की सांसे थम ना जाए जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए दिन मरीज अपने उपचार के लिए आते रहते हैं और शव बनकर अपने परिजनों के कंधे पर वापस लौटते है। लोगो के मुताबिक शासन प्रशासन स्वास्थ को बड़े बड़े दावे करते हैं लेकिन हकीकत से उसका कोई सरोकार नही दिख रहा। शासकीय दावों को धरातल पर उतार कर अगर देखा जाए तो सिर्फ नाम मात्र के ही दिखाई देते हैं जिसमें जनकपुर स्वास्थ केंद्र की हालत बहुत ही खराब है।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी लेकिन लोगो के आरोपो से सहमत नही दिखाई देते उनका कहना है कि मुत्यु का कारण अक्सर मरीज को अति गंभीर अवस्था मे देर से लाना अक्सर होता है जिससे डॉक्टर या स्टाफ कुछ नही कर पाता है।
जनकपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। अभी कुछ दिन पूर्व ही हृदयाघात से एक वन अधिकारी की मौत हो गई थी क्योंकि मौके पर कोई चिकित्सक नहीं था। ठीक उसी तरह आज भी एक व्यक्ति की सांसे थम गई।लोगों का कहना है,कि कब तक वे इसी तरह परेशान होते रहेंगे। इस दिशा में प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरुरत है।
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