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CM ने 20 रुपए में बेचा गो-मूत्र:अपनी गोशाला से लेकर पहुंचे; दुर्ग में गौठानों से होगी छत्तीसगढ़ में खरीदी की शुरुआत

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acn18.com छत्तीसगढ़/ छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली पर सरकार की महत्वाकांक्षी गो-मूत्र खरीदी की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी गोशाला से लाया गो-मूत्र बेचकर इसकी शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने पांच लीटर गो-मूत्र बेचा। उन्हें इसके लिए चार रुपया प्रति लीटर की दर से 20 रुपए का तुरंत भुगतान भी मिल गया। इस तरह मुख्यमंत्री इस योजना के पहले विक्रेता बन गए।

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गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष व्यवस्था की गई थी। चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह ने यहां खरीदी का स्टॉल लगाया। वहां एक गैलन में गो-मूत्र लेकर पहुंचे मुख्यमंत्री ने समूह के रजिस्टर में अपना नाम-पता दर्ज किया। उसके बाद गो-मूत्र को मापा गया।

महिला स्व-सहायता समूह ने गो-मूत्र बिक्री पर मुख्यमंत्री को 20 रुपए का भुगतान किया है।
महिला स्व-सहायता समूह ने गो-मूत्र बिक्री पर मुख्यमंत्री को 20 रुपए का भुगतान किया है।

खरीदने के बाद स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को भुगतान कर बिक्री रजिस्टर में हस्ताक्षर कराया। सरकार ने इस साल से गो-मूत्र खरीदी की योजना शुरू की है। इसके पहले चरण में प्रत्येक जिले की दो आत्मनिर्भर गोठानों में इसे खरीदा जाना है। सरकार ने इसके लिए कम से कम चार रुपए प्रति लीटर की दर तय की है। कोई गौठान समिति इससे अधिक में खरीदना चाहती है तो वह कर सकती है।

दुर्ग में गौठान से खरीदी की करेंगे शुरुआत

हरेली तिहार के मौके पर गो-मूत्र की खरीदी की शुरुआत मुख्यमंत्री ने कर दी है। हालांकि दुर्ग के पाटन विकासखंड के करसा गांव में आयोजित हरेली तिहार कृषि सम्मेलन में ही मुख्य कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री दोपहर 1.55 बजे करसा गांव की गौठान पहुंचेंगे। यहीं मुख्यमंत्री गो-मूत्र की खरीदी कर पूरे राज्य में इसकी शुरुआत करेंगे। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे दुर्ग के मालवीय नगर चौक पर स्व. दाउ वासुदेव चंद्राकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

इस वजह से गो-मूत्र खरीदी की ओर बढ़ी सरकार

अधिकारियों का कहना है, गो-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पशुपालकों को गो-मूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी। वहीं महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, कीट नियंत्रक उत्पाद आदि तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा। इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी।

हरेली से ही शुरू हुई थी गोधन न्याय योजना

सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत भी हरेली के दिन हुई थी। 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट बनाया जा चुका है। वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।

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