spot_img

हसदेव पर CM भूपेश का बड़ा बयान:बाबा नहीं चाहते तो पेड़ क्या एक डंगाल भी नहीं कटेगी; एक दिन पहले ग्रामीणों से मिले थे सिंहदेव

Must Read

ACN18.COM रायपुर/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई मामले पर बड़ा बयान दिया है। कहा कि बाबा साहब (टीएस सिंहदेव) उस क्षेत्र के विधायक हैं। अगर वे नहीं चाहते तो वहां पेड़ क्या एक डंगाल भी नहीं कटेगा। मुख्यमंत्री का यह बयान टीएस सिंहदेव के हसदेव अरण्य दौरे के बाद आया है। CM ने मंगलवार को नवा रायपुर में पत्रकारों के सवालों पर कहा कि इस मामले में हमारे बाबा साहब (टीएस सिंहदेव) का भी बयान आया है।

- Advertisement -

इससे पहले सिंहदेव ने सोमवार को सरगुजा के हरिहरपुर गांव जाकर हसदेव अरण्य में खनन परियोजनाओं का विरोध कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात की थी। ग्रामीणों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था, व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि घने जंगलों का विनाश करके कोयला खनन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर ग्रामीण एक राय रहे तो उनकी जमीन कोई नहीं ले सकता।

भाजपा पर CM का हमला, केंद्र से रद्द कराएं आवंटन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा, अगर उनको लगता है कि स्थानीय लोग खनन का विरोध कर रहे हैं। वहां खदान नहीं खुलनी चाहिए तो केंद्र सरकार से मिलें। वहां बात कर कोल ब्लॉक का आवंटन ही रद्द करा दें। न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी। भाजपा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर जबरन खनन का आरोप लगाया है।

कोयला, पर्यावरण, वन कानून तो केंद्र के पास हैं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कोल ब्लॉक का आवंटन तो केंद्र सरकार करती है। पर्यावरण अधिनियम केंद्र सरकार का है। वन अधिनियम केंद्र सरकार का है। सारे नियम केंद्र सरकार के। एलॉटमेंट करने का अधिकार भी केंद्र सरकार के पास है। अनुमति देने का अधिकार भी उनके पास। भाजपा नेताओं को अपना विरोध केंद्र सरकार से जताना चाहिए।

हसदेव अरण्य का यह पूरा मामला क्या है

हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ के कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले के बीच में स्थित एक समृद्ध जंगल है। करीब एक लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैला यह जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में 10 हजार आदिवासी हैं। हाथी तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा जैसे जीव, 82 तरह के पक्षी, दुर्लभ प्रजाति की तितलियां और 167 प्रकार की वनस्पतियां पाई गई है।

इसी इलाके में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को चार कोयला खदानें आवंटित है। एक में खनन 2012 से चल रहा है। इसका विस्तार होना है। वहीं एक को अंतिम वन स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 841 हेक्टेयर जंगल को काटा जाना है। वहीं दो गांवों को विस्थापित भी किया जाना है। स्थानीय ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। 26 अप्रैल की रात प्रशासन ने चुपके से सैकड़ों पेड़ कटवा दिए। उसके बाद आंदोलन पूरे प्रदेश में फैल गया। अभी प्रशासन ने फिर पेड़ काटे हैं। विरोध बढ़ता जा रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी यहां पहुंचे थे।

पत्रकारिता और जनसंचार में बढ़ रही विद्यार्थियों की रुचि , पीजी कॉलेज ने एक बार फिर आवेदन किया विश्वविद्यालय को

377FansLike
57FollowersFollow


v

377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूर:शीतकालीन सत्र में बिल पेश होगा, घोषणा पत्र में भाजपा का वादा था

Acn18.com/देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) करवाने के प्रस्ताव को बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट...

More Articles Like This

- Advertisement -