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अमरनाथ में बादल फटा:3 महिलाओं समेत 13 की मौत, 25 टेंट बहे; 45 श्रद्धालु फंसे, यात्रियों को पंचतरणी ले जाया गया

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अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की खबर है। घटना शुक्रवार शाम 5 बजकर 30 मिनट पर हुई। जिस समय बादल फटा, उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्दालु मौजूद थे। इस घटना में 3 महिलाओं समेत 13 लोगों की मौत हो गई है। 35 से 40 श्रद्धालुओं के अब भी फंसे होने की खबर है। गुफा के पास फंसे यात्रियों को पंचतरणी ले जाया गया है।

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बादल फटने की घटना पवित्र गुफा के एक से दो किलोमीटर के दायरे में हुई। पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है।

घायलों को उपचार के लिए ले जाते जम्मू कश्मीर पुलिस, NDRF और सेना के जवान।
घायलों को उपचार के लिए ले जाते जम्मू कश्मीर पुलिस, NDRF और सेना के जवान।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस और NDRF ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए

  • 0194 2313149
  • 0194 2496240
  • 9596779039
  • 9797796217
  • 01936243233
  • 01936243018

सेना समेत कई एजेंसियां रेस्क्यू में जुटीं
घटना के तुरंत बाद सेना, ITBP, CRPF, BSF, NDRF और SDRF के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। NDRF के DG अतुल करवाल ने बताया कि लोगों को सुरक्षित निकालकर कैंपों तक पहुंचाया जा रहा है। घायलों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल ले जाया गया है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस, NDRF और सेना के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे रहे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस, NDRF और सेना के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे रहे।

प्रधानमंत्री ने रेस्क्यू मिशन की जानकारी ली
हादसे के बाद PM नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की। उन्होंने हादसे पर दुख जताया और पीड़ित लोगों तक हर मुमकिन मदद पहुंचाने की बात कही। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘बाबा अमरनाथ जी की गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ के संबंध में मैंने LG मनोज सिन्हा जी से बात कर स्थिति की जानकारी ली है। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूं।’

हादसे के बाद की पहली तस्वीरें दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ग्राउंड जीरो से आप तक पहुंचा रहे हैं। इन्हें आप नीचे देख सकते हैं…

हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई, लोग घबराकर अपने टेंटों से बाहर निकल आए।
हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई, लोग घबराकर अपने टेंटों से बाहर निकल आए।
पहाड़ों के बीच तेजी से पानी बहकर टेंटों के बीच से निकला और उसकी चपेट में आकर कई टेंट बह गए।
पहाड़ों के बीच तेजी से पानी बहकर टेंटों के बीच से निकला और उसकी चपेट में आकर कई टेंट बह गए।
घटना में मारे गए एक श्रद्धालु का शव निकालते हुए रेस्क्यू टीम के मेंबर्स, अब तक 2 मौतों की पुष्टि हुई है।
घटना में मारे गए एक श्रद्धालु का शव निकालते हुए रेस्क्यू टीम के मेंबर्स, अब तक 2 मौतों की पुष्टि हुई है।
हादसे के बाद श्रद्धालु बारिश के बावजूद टेंटों से निकल आए, सबके चेहरों पर दहशत साफ नजर आ रही थी।
हादसे के बाद श्रद्धालु बारिश के बावजूद टेंटों से निकल आए, सबके चेहरों पर दहशत साफ नजर आ रही थी।
सेना, ITBP, CRPF, NDRF और SDRF के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी हुई है।
सेना, ITBP, CRPF, NDRF और SDRF के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी हुई है।
बादल फटने के बाद गुफा के पास मौसम साफ हो गया। इस तस्वीर में बाईं तरफ श्रद्धालुओं के टेंट देखे जा सकते हैं।
बादल फटने के बाद गुफा के पास मौसम साफ हो गया। इस तस्वीर में बाईं तरफ श्रद्धालुओं के टेंट देखे जा सकते हैं।
इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हुई है, कोरोना के चलते पिछले दो साल से यात्रा नहीं हो सकी थी। -फाइल फोटो।
इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हुई है, कोरोना के चलते पिछले दो साल से यात्रा नहीं हो सकी थी। -फाइल फोटो।

अमरनाथ यात्रा पर दैनिक भास्कर की स्पेशल रिपोर्ट्स आप यहां पढ़ सकते हैं..

  • हर-हर महादेव जयकारे के साथ अमरनाथ यात्रा 30 जून की सुबह बालटाल और पहलगाम से शुरू हुई। पहले जत्थे में 4,890 श्रद्धालु दर्शन के लिए निकले। यात्रा के दौरान सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए हैं। हर 5 कदम पर पुलिस का जवान तैनात है।
  • अमरनाथ यात्रा पर स्टिकी बम हमले का खतरा मंडरा रहा है। खुफिया एजेंसियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर स्टिकी बम से हमला हो सकता है। यह जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपने सिक्योरिटी प्लान में बदलाव कर दिया है। सिक्योरिटी एजेंसी ने गाड़ियों के मूवमेंट के प्लान में बड़ा बदलाव किया है।
  • अमरनाथ यात्रियों को मंत्री-मुख्यमंत्री जैसी सुरक्षा दी जाती है। जैसे ही अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे श्रद्धालु कश्मीर में एंट्री लेते हैं, पूरे शहर का ट्रैफिक रोक दिया जाता है। चौराहों, गली के मुहानों, छतों, बाजारों में सुरक्षाबलों के जवान भारी संख्या में दिखने लगते हैं। हर दूसरे घर की छत पर स्नाइपर्स तैनात किए जाते हैं।
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