acn18.com जांजगीर-चांपा/ कोरोना काल से बंद पड़ी सिटी बस की सुविधा जांजगीर जिले में अब तक बहाल नहीं हो सकी है। आलम ये है,कि बसें पूरी तरह से कबाड़ में तब्दील हो गई है जिनके कलपूर्जों की चोरी कर ली गई है। महंगाई के इस दौर में सिटी बस आमजनों के लिए अवागमन का बेहतर विकल्प है लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण सिटी बस सड़कों से दूर है।
जांजगीर-चांपा जिले में करोड़ों की सिटी बसें कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। देखरेख के अभाव में अधिकतर बसों के कलपुर्जे चोरी हो गए हैं। कोरोना काल में बसों का परिचालन बंद कर दिया गया था, जिसे अभी भी बहाल नहीं किया जा सका है। इधर बसों के कलपुर्जों की चोरी की रिपोर्ट तक नगरपालिका ने पुलिस थाने में दर्ज नहीं करवाई है।ऐसे हालातों को देखकर लगता है कि सिटी बसों के संचालन में किसी की भी रुचि नहीं है, इसी वजह से आम लोगों को परिवहन का सस्ता और अच्छा साधन मुहैया कराने की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है।
लोगों को आवागमन में सहूलियत देने और ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के मनमाने भाड़े से राहत देने के लिए रायगढ़ से 10 सिटी बसें मंगवाई गई थीं, 4 करोड़ 80 लाख की लागत से खरीदे गए बसें जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं। सभी बसें शहर के बस स्टैंड नैला में कबाड़ की हालत में पड़ी हुई हैं। कुछ महीने पहले असामाजिक तत्वों ने बसों को आग के हवाले भी कर दिया था। इन बसों के पहिये, इंजन और बैटरी गायब हो चुके हैं, शीशे टूट चुके हैं। विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए पानी में बह गए हैं। लोगों का कहना है,कि सिटी बस का परिचालन शुरु करवाने कोे लेकर प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधीयों को गंभीर होना चाहिए ताकी लोगों की जेब कटने से बच जाए।
सिटी बसों की बदहाली को देखकर नहीं लगता,कि वे अब सड़कों पर दौड़ेंगी। इस स्थिती में जांजगीर वासियों को सस्ती आवागमन की सुविधा का लाभ मिलेगा इसकी संभावना काफी कम है। कुल मिलाकर करोड़ों रुपए व्यर्थ ही हो गए।
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