acn18.com रायपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल छात्रों की परेशानी दूर करने और पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के मकसद से मंगलवार 21 फरवरी से हेल्पलाइन नंबर शुरू कर रहा है। सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम साढ़े पांच बजे तक छात्र हेल्पलाइन नंबर 18002334363 पर काल कर मनोचिकित्सक और बोर्ड के अधिकारियों को अपनी समस्या बता सकते हैं। उनकी समस्या दूर की जाएगी। शुरुआत के छह दिनों तक मनोविज्ञानी छात्रों को तनाव रहित परीक्षा की तैयारी करने के टिप्स देंगे।
परीक्षा शुरू होने से एक दिन पहले होने वाले विषय के विशेषज्ञ छात्रों को प्रश्न-पत्र हल करने की तकनीक समझाएंगे, जिससे नंबर मिल सके। छात्रों को कम समय में विषय की तैयारी करने से संबंधित भी सुझाव देंगे। 28 फरवरी से हेल्पलाइन नंबर में विषय विशेषज्ञों की टीम बैठेगी। 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं का पहला पेपर हिंदी का है। बोर्ड की तरफ से हर साल हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाता है। इससे छात्रों को तैयारी करने में बहुत लाभ होता है। टोल फ्री में प्रदेशभर के परीक्षार्थी काल करके अपनी समस्या बताते हैं। मंडल के अधिकारी मंडल से संबंधित समस्याओं का समाधान करेंगे।
मनोविज्ञानी डा. वर्षा वरवंडकर छात्रों की समस्याओं को करेंगी दूर
आज से शुरू हो रही हेल्पलाइन नंबर में मनोविज्ञानी डा. वर्षा वरवंडकर छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए मौजूद रहेंगी। प्रदेश का कोई भी छात्र सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक काल कर अपनी समस्या को बता सकता है। उसे विशेषज्ञ की टीम समस्या को दूर करने के सुझाव देगी। परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए क्या करें, क्या न करें भी बताया जाएगा। साथ ही स्वस्थ रहने के लिए भी विशेषज्ञों की टीम सुझाव देगी।
प्रश्न-पत्र लेकर जिलों के लिए टीम होगी रवाना
बोर्ड परीक्षाओं के लिए बने प्रश्न-पत्रों लेकर टीम मंगलवार को जिले में बनाए गए समन्वय केंद्रों के लिए रवाना होगी। माशिमं की तरफ से पूरे प्रदेश के 28 जिलों मे समन्वय केंद्र बनाए गए हैं, इन्हीं केंद्रों से केंद्राध्यक्षों को प्रश्न-पत्र वितरित किए जाएंगे। केंद्र को संभवत: 23 फरवरी से प्रश्न-पत्र मिलना शुरू हो जाएगा।
संवेदनशील केंद्रों की नहीं मिली है सूचना
माशिमं की तरफ से सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को संवेदनशील केंद्रों की सूची देने के लिए निर्देशित किया गया है, लेकिन अभी तक बोर्ड के पास संवेदनशील केंद्रों की सूची नहीं पहुंची है। कोरोना से पहले प्रदेश में लगभग 100 संवेदनशील केंद्र थे। सुरक्षा के लिहाज से इन केंद्रों में पुलिस की तैनाती की जाती है।