acn18.com रायपुर। प्रदेश में हड़ताल कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर सरकार ने कार्रवाई करने का फैसला लिया है। इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। ये भी कहा गया है कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं मिलेगा। इसके अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी। दरअसल बीते 25 जुलाई से प्रदेश के लाखों कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ये हड़ताल शुक्रवार शाम 29 जुलाई तक जारी रही।
कर्मचारियों ने भत्ते की मांग के लिए हड़ताल की थी, मगर अब सैलरी से ही हाथ धोना पड़ेगा। सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश में एक नियम का जिक्र है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के तहत एक साथ हड़ताल करना छुट्टी लेना ये अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत आता है। ऐसा करने पर न तो छुट्टी दी जाएगी न ही हड़ताल के दिनों का कोई वेतन मिलेगा। इन नियमों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों पर कार्रवाई करने को कह दिया है।
कर्मचारी संगठन क्या कहते हैं
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले तमाम सरकारी कर्मचारियों के संगठन हड़ताल के लिए आगे आए। शुक्रवार को हड़ताल का आखिरी दिन था। अब सरकार द्वारा कार्रवाई और वेतन काटने के आदेश का कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं। फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि ये रवैया ठीक नहीं है। राज्य सरकार द्वारा 5 दिन के हड़ताल अवधि का वेतन काटने के आदेश को अनुचित बताया है। नेताओं ने कहा है कि आंदोलन के दौरान कर्मचारियों से संवाद करने के बजाए वेतन काटने का आदेश वार्ता के मार्ग को बाधित करने के समान हैं। इससे कर्मचारियों में और आक्रोश बढ़ेगा।
इस वजह से हुई थी हड़ताल
प्रदेश के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत ना तो महंगाई भत्ता मिल रहा है और ना ही भाड़ा भत्ता। ऐसे में हर महीने 4 से 14000 का नुकसान हर कर्मचारी को हो रहा है। लंबे समय से इसे लागू किए जाने की मांग की जा रही थी। मगर प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से अब कर्मचारी हड़ताल के लिए विवश हुए थे।