acn18.com रायपुर। कांग्रेस की सत्ता से बेपटरी होते ही नेताओ्ं की बेचैनी इस कदर बढ़ गई कि वो अपने ही नेता को कटघरे में खड़े कर दिए है। इस मामले से पूरे प्रदेश में कांग्रेस खेमे में हाहाकार मचा हुआ है । हर कोई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर टिकट बेचने का आरोप लगा रहा है और लगभग सभी कार्यकर्ताओं के मन में ये बात पक्के तौर पर घर कर गई है कि पार्षद से लेकर महापौर तक की टिकट दीपक बैज ने बेचे हैं । यह तो पूरी तरीक़े से तब और साबित हो गया जब पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि दीपक बैज ने पैसे लेकर टिकट बेच दी है और टिकट का गलत वितरण हुआ है।
बड़े नेता दबे मन से यह बात कहने से भी नहीं चूकते हैं यह जब टिकट बिक्री हो ही गया है तो किस तरीक़े से कांग्रेस मैदान में दिखेगी। पूरे प्रदेश में कांग्रेस का हाल अब तक के छत्तीसगढ़ बनने से लेकर अभी तक सबसे बुरा देखने को मिला। कमोबेश पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से बहुत आगे निकलते दिख रही है। लेकिन कांग्रेस में अभी तक टिकट के लड़ाई-झगड़े, आरोप-प्रत्यारोप और टिकट की लड़ाई से अभी तक चुनाव मैदान में जात के लिए नहीं उतर पाए हैं। दस दिन का शेष समय रह गया है। चुनाव अंतिम पायदान पर है और सिर्फ़ आठ दिन प्रचार के लिए है बचे हुए हैं।
सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति एकदम दयनीय हो गई है और एक भी नगर पालिका और नगर निगम जीतने की उम्मीद नहीं है। चुनाव के उपरांत बड़े नेताओं के विरोध और चुनाव में बड़ी हार के कारण दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जा सकते है। टिकट बेचने में इतनी आपा-धापी किया गया कि बिना जनाधार वाले चंद्र शेखर चक्रधारी नामक व्यक्ति को कांग्रेस ने पैसा लेकर मुंशी स्माइल वार्ड क्र. 23 का पार्षद टिकट दिया है। लेकिन बेईमानी से कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कांग्रेस संगठन के कमजोरी के कारण निर्दलीय के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस पार्टी के खिलाफ ही लड़ रहा है जो राजनीतिक पार्टी के इतिहास में पहली बार देखने को मिलेगा। नगरीय निकाय चुनाव में संगठन की घोर और अति गंभीर लापरवाही सामने आई। जिसकी शिकायत बड़े नेता ने आला कमान से की है।
लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता न प्रचार में दिख रहे और न ही कोई नेता कांग्रेस का प्रचार प्रसार कर रहा है। सभी आपसी खींचतान में लगे हुए हैं और अब सब ये पता लगाने में लगे हैं। सट्टा-जुआ-गांजा-भू माफ़िया और बिल्डर लॉबी के कौन-कौन पार्षद प्रत्याशी पैसा देकर टिकट लेने में सफल हुए है। रायपुर में विवादित वार्डों की संख्या ज्यादा है। जैसे पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड क्र. 34, शंकर नगर वार्ड क्र. 30, स्वामी विवेकानंद सदर बाजार क्र. 44, शहीद राजीव पांडेय वार्ड क्र. 62, मोरेश्वर राव गेंद्रे वार्ड क्र. 59, लेफ्टिनेंट अरविंद दीक्षित वार्ड क्र. 56, इन्ही सब वार्ड में कांग्रेस मजबूत थी। लेकिन कार्यकर्ताओं के अनुसार टिकट का वितरण सही तरीके से नहीं होने से कांग्रेस इन वार्डों में पिछड़ती नज़र आ रही है और लगभग हार की कगार में है।
वही महासमुंद के बसना के वार्ड क्रमांक 4 से कांग्रेस के प्रत्याशी रमेश दास, वार्ड क्रमांक 13 से कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मी चंद गुप्ता, वार्ड क्रमांक 11 से कांग्रेस के अजय दास ने अपना नाम वापस लिया जिसके चलते इन सभी वार्डों में भाजपा के पार्षद निर्विरोध चुने गए है। बाकी अधिकांश वार्डों में कांग्रेस कड़े संघर्ष और पैसे के अभाव में। रायपुर शहर के ज़्यादातर वार्डों में कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से पिछड़ते हुए दिख रही है और ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस कहीं पहले चुनाव के दौड़ में भी नहीं है वही हाल दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, चिरमिरी, रायगढ़, धमतरी और बस्तर में भी दिख रहा है । बड़े-बड़े नेताओं ने भी आला कमान से नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद टिकट से लेकर महापौर चुनाव तक की टिकट पूरे प्रदेश में टिकट बेचने का आरोप वर्तमान पदाधिकारियों और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज पर लगाया है।