spot_img

रायपुर में चंद्रयान और ओलिंपिक वाले गणपति:120 फीट ऊंचा पंडाल सैटेलाइट लॉन्चिंग पैड की तरह किया गया तैयार, दिखेगी तारों की अनोखी दुनिया

Must Read

Acn18.com/मंगलवार से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है। इस दिन वैसा ही संयोग है जैसा पुराणों के मुताबिक भगवान गणेश के जन्म के दिन था। रायपुर में हजारों सार्वजनिक गणेश पंडाल बनाए गए हैं। इ‍्नमें सबसे ज्यादा चर्चा चंद्रयान और ओलंपिक वाले गणपति की है। तो चलिए इस रिपोर्ट के जरिए आपको बताते हैं रायपुर के अनोखे पंडालों की खासियत।

- Advertisement -

चंद्रयान की थीम पर पंडाल

रायपुर के कालीबाड़ी में चंद्रयान की थीम पर बना ये गणेश पंडाल पूरे छत्तीसगढ़ में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसमें आपको चंद्रयान से लेकर तारों तक की अनोखी दुनिया नज़र आएगी। इसे पश्चिम बंगाल के कारीगर पिछले 2 महीनों से तैयार करने में जुटे हैं। 120 फीट का ये अनोखा पंडाल सैटेलाइट लॉन्चिंग पैड की तरह बनाया गया है। इसे देखकर आपको चंद्रयान-3 देखने जैसा रोमांच महसूस होगा।

7 लाख में बनकर तैयार हुआ है पंडाल

पंडाल और मूर्ति को लेकर अब तक लगभग 10 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। सिर्फ पंडाल को ही तैयार करने में 5 से 7 लाख का खर्च आया है। पंडाल की ऊंचाई लगभग 120 फीट है जबकि चौड़ाई 70 फीट के आसपास है। इसे चंद्रयान का आकार देने में 45 कारीगरों की टीम दिन रात मेहनत में जुटी है। इनमें 25 कारीगर पश्चिम बंगाल के हैं वहीं, बाकी कारीगर छत्तीसगढ़ के हैं।

मूर्ति की खासियत

रायपुर के माना में बन रहे इस पंडाल में स्थापित होने वाली गणेश मूर्ति भी बेहद खास है। मूर्ति में एलियंस, वैज्ञानिक, तिरंगा, नव ग्रह, साधु-संतों के साथ-साथ शिवजी की जटाओं से सृष्टि की संरचना तक

बेहद खूबसरत ढंग से दर्शायी गई है।

शहीदों को दी जाती है श्रद्धांजलि

जय भोले ग्रुप की ओर से पिछले 10 साल से अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाए जाते हैं। इसके साथ ही उसी साल शहीद हुए जवानों की तस्वीर लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। आयोजक शहीद के परिजन को सम्मानित भी करते हैं।

छत्तीसगढि़या ओलिंपिक वाले गणेश

प्रदेश के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए छत्तीसग​ढि़या ओलिंपिक की झलक भी गणेश प्रतिमाओं में नजर आने वाली है। रायपुर में इस बार छत्तीसगढि़​या ओलिंपिक में खेले जाने वाले खेलों के टूल्स से गणेश प्रतिमा तैयार की गई है। गिल्ली डंडा, भौरा-रस्सी के साथ साथ ही बाटी का इस्तेमाल कर इस प्रतिमा को बनाया गया है। राजधानी का यादव परिवार कई वर्षों से हर बार अलग तरह की गणेश प्रतिमाएं बनाता आ रहा है।

पारंपरिक खेल सामग्री से प्रतिमा को दिया आकार

7 फ़ीट की इस खास प्रतिमा में गिल्ली से गणेश जी का शरीर बनाया गया है। वहीं डंडे से हाथ तैयार किया गया है। बाटी का इस्तेमाल कर मुकुट और गहने तैयार किए गए हैं। भौरे से पैर तो भौरे की रस्सी से दुप्पटा बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों के खिलाड़ियों को समर्पित इस प्रतिमा को डंगनिया में स्थापित किया जा रहा है।

25 साल से मूर्ति बना रहा यादव परिवार

इस प्रतिमा को रायपुरा में रहने वाले यादव परिवार ने बनाया है। ये परिवार बीते 25 सालों से लगातार अलग-अलग तरह की मूर्तियां बना रहा है। हर साल इनकी बनाई मूर्ति चर्चा में रहती है।

इस काम की शुरुआत परिवार के मुखिया शिवचरण यादव ने की थी। जिसके बात उनकी पत्नी अनिता यादव, बेटे राहुल और रवि के साथ बेटी राशि ने भी इस काम को आगे बढ़ाया।

3 महीने में तैयार हुई मूर्ति

परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर 3 महीने में इस प्रतिमा को तैयार किया है। परिवार के लोग बताते हैं कि मूर्ति का कॉन्सेप्ट तो सोच लिया था, लेकिन इसके लिए सामान इकट्ठा करना बढ़ी चुनौती थी।क्योंकि गिल्ली-डंडा और भौरा खोजना, उसे साइज में लाना और बारीकी से उसे फिट बैठाना आसान काम नहीं था।

जानिए आज के दिन का महत्व और पूजा मुहूर्त

पुराणों के मुताबिक गणेश जी का जन्म भादौं की चतुर्थी को दिन के दूसरे प्रहर में हुआ था। उस दिन स्वाति नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त था। ऐसा ही संयोग आज बन रहा है। तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग में मध्याह्न यानी दोपहर के समय जब सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है, तब देवी पार्वती ने गणेश जी की मूर्ति बनाई और उसमें शिवजी ने प्राण डाले थे।

गणेश स्थापना पर मंगलवार का संयोग बना है। विद्वानों का कहना है कि इस योग में गणपति के विघ्नेश्वर रूप की पूजा करने से इच्छित फल मिलता है। इस बार गणेश स्थापना पर गजकेसरी, अमला और पराक्रम नाम के राजयोग मिलकर चतुर्महायोग बना रहे हैं।

इस दिन स्थापना के साथ ही पूजा के लिए दिनभर में सिर्फ दो मुहूर्त हैं। वैसे तो दोपहर में ही गणेश जी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए।

377FansLike
56FollowersFollow
a watan RO No. Samvad 12338/147 NKH Navin
377FansLike
56FollowersFollow
Latest News

गरीबों को मिला अपनी जमीन का अधिकार, हितग्राहियों ने राजस्व मंत्री जयसिंह से कहा- अब बेदखल होने का नहीं सताएगा डर

कोरबा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने चार स्थानों में आधा दर्जन से अधिक वार्डों के गरीबों...

More Articles Like This

- Advertisement -