झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के कई विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट X के बायो से JMM लीडर और मंत्री हटा लिया है। पूर्व सीएम के घर सरायकेला-खरसावां जिले के गांव जिलिंगगोड़ा से JMM का झंडा हट गया है।
इन सबसे बीच आज दोपहर करीब 1 बजे वे दिल्ली पहुंचे हैं। बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘अभी मैं जहां पर हूं वहीं पर हूं। यहां मेरे बच्चे रहते हैं। मैं उनसे मिलने आता रहता हूं। मैं निजी काम से दिल्ली आया हूं। चंपाई ने इस बात का खंडन नहीं किया कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे।
शनिवार की रात ही चंपाई सोरेन विधायकों के साथ रांची से कोलकाता पहुंच गए थे। सूत्र बताते हैं कि कोलकाता में उनकी बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात हुई थी। उसके बाद वे रविवार को वो कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना हुए।शनिवार से ही चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। चंपाई के अलावा JMM से निष्कासित लोबिन हेंब्रम और बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती के भी बीजेपी में जाने की खबर है। CM हेमंत सोरेन पाकुड़ में हैं
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पाकुड में हैं। उन्होंने यहां मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की। 57,120 महिलाओं के खातों में हेमंत सोरेन ने एक-एक हजार रुपए ट्रांसफर किए। ये इस योजना की पहली किस्त है। इस योजना के तहत राज्य की 21 साल से 50 साल तक की महिलाओं को सालाना 12 किस्तों में 12000 रुपए दिए जाएंगे।4 पॉइंट में समझिए चंपाई बीजेपी में शामिल हुए तो क्या सरकार गिरेगी? चंपाई के साथ जाने वाले विधायकों को क्या फायदा होगा?
सवाल : चंपाई के भाजपा में जाने से झामुमो सरकार पर क्या असर पड़ेगा?
जवाब : चंपाई सोरेन और उनके साथ विधायक अगर भाजपा जाते भी हैं तो सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बहुमत के 41 विधायकों की जरूरत होती है। फिलहाल 47 विधायक हैं। जानकारों के मुताबिक इस बदलाव का फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को जरूर हो सकता है।
सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव में इस जोड़तोड़ से झामुमो और भाजपा को क्या फायदा, क्या नुकसान संभव है। खासकर तब, जब भाजपा हाल में सरकार गिराने की कई नाकाम कोशिश कर चुकी है।
जवाब : इस जोड़तोड़ से भाजपा कोल्हान में मजबूत होगी। आगामी चुनाव में पार्टी को फायदा हो सकता है। वहीं इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाली जेएमएम के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार तलाशना मुश्किल हो सकता है।
सवाल : चंपाई के साथ जाने वाले विधायकों को चुनाव में क्या फायदा मिलेगा?
जवाब : इस समय अगर विधायक पार्टी छोड़ते हैं तो जानकारों के मुताबिक उनकी छवि पर असर पड़ जाएगा। इसका उदाहरण लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है। लोकसभा चुनाव में सिंहभूम लोकसभा से गीता कोड़ा भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। वे चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं। इसका परिणाम यह हुआ कि वह लोकसभा चुनाव हार गईं।
सवाल : चुनाव से ठीक पहले ऐसा करने से भाजपा की छवि पर क्या असर पड़ेगा? क्या वह अपने फायदे से ज्यादा हेमंत को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है?
जवाब : अगर भाजपा इस तरह का जोड़तोड़ करती है तो जेएमएम जनता के बीच इस बात को भुनाने की पुरजोर कोशिश करेंगे कि भाजपा ने आदिवासी को आगे कर सरकार गिराई है। जनता के बीच यह मैसेज जेएमएम देगी कि भाजपा आदिवासी विरोधी है तभी आदिवासी नेता की आड़ में सरकार गिराई है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा इस कोशिश में है कि पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता को सम्मान नहीं मिला। जेएमएम पर परिवारवाद के आरोप भाजपा लगाएगी।