acn18.com कोरबा/ चैत्र नवरात्री की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है। नवरात्री के 9 दिन के महत्व और माता को प्रसन्न करने के लिए माता की किस तरह पूजा रनी चाहिए और किस मुहर्त में कलश स्थापना करनी चाहिए इस संबंध में हमने जानकारों से विस्तार से बातचीज की।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. तिथियों को लेकर किसी प्रकार का कोई फेर नहीं है. इस बार माता का आगमन नाव पर हो रहा जो बहुत ही शुभ फलदायी है. 9 दिनों तक भक्ति भाव और श्रद्धापूर्वक माता की भक्ति करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होगी। इस विषयों को लेकर हमने कुछ पंडितों से बात की जिन्होंने बताया,कि शुभ कार्यो के लिए मुहूर्त का विशेष महत्व रहता है.चैत्र नवरात्री पर कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह सूर्य उदय से लेकर शाम 4 बजे तक है. अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना और माता का आवाह्न करना अत्यंत शुभ फलदायी है. अभिजीत मुहूर्त यानी कि मध्यकालीन समय है. जो सुबह 11ः30 से 12 बजे तक का है।
नवरात्री अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण समय है. इस दौरान शक्ति की उपासना का विधान है. जीवन में शक्ति की आराधना अत्यंत आवश्यक है. यह समय प्रकृति की संधि कारक समय होता है. इसमें एक विशेषता यह भी है कि इन 9 दिनों में आदिशक्ति की उपासना करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है. साथ ही शरीर मे नई ऊर्जा समाहित होती है.सुबह शाम माँ भगवती की पूजा करे आरती के पश्चात कवच का पाठ करे. कवच का पाठ करने से आपके जीवन की सुरक्षा होगी.अगर दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण अनुष्ठान करने में सक्षम हो तो उसे करे.अगर आप उपरोक्त दोनों नहीं कर सकते तो नवार्ण मंत्र का अवश्य जाप करे।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में रामनवमी के दिन 4 योग बन रहे है. इस दिन अगर किसी विशेष कार्य की सिद्धि करने के लिए प्रयास करेंगे तो वह अवश्य सिद्ध होगा. अगर पहले से कोई कार्य करने की सोच रखे हैं तो इस दिन उस कार्य को शुरू करे. आपका कार्य नःश्चित रूप से सफल होगा।