acn18.com कोरबा/ कोरबा के साथ-साथ पूरे देश में धूमधाम से बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है. बकरीद के त्योहार का मुस्लिम धर्म में बहुत महत्व है. इस त्यौहार को ईद-उल-अजहा या कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है. रमजान के पवित्र महीने के ठीक 70 दिन बाद बकरीद मनाई जाती है. वैसे तो बकरीद की तारीख चांद दिखने से तय होती है।
ईद उल अजहा या बकरीद इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे जोश के साथ मनाते हैं. बकरीद इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने में मनाया जाता है. ये रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद मनाया जाता है. इस दिन नमाज पढ़ने के बाद कुर्बानी दी जाती है. बकरीद के त्योहार को बकरीद, ईद कुर्बान, ईद-उल अजहा या कुर्बान बयारामी भी कहा जाता है। बकरीद के मौके पर कोरबा के सभी मस्जिदों में रौनक देखने को मिली। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक साथ बकरीद की विशेष नमाज अता की और एक दूसरे को इस महत्वपूर्ण पर्व की बधाईयां दी।
शहर की सभी मस्जिदों में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली। बुधवारी स्थित नूरी मस्जिद,एसईसीएल के कोलियरी मस्जिद उद्यान और टीपी नगर स्थित गरीब नवाज मस्जिद में पूरे उत्साह के साथ बकरीद की खुशियां बांटी गई।
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