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‘बजरंग दल बैन करने पर सिंधिया से राय ले बीजेपी…’:दिग्विजय की भाजपा को सलाह; कर्नाटक में कांग्रेस के मेनिफेस्टो का विवाद MP पहुंचा

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Acn18.com/कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में पीएफआई और बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन करने की बात कही है। इस घोषणा पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में ही हमला बोला। यहां चुनाव प्रचार में पहुंचे पीएम ने कहा, एक तरफ हम बजरंग बली की पूजा कर रहे हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस जय बजरंग बली की बोलने वालों पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है।

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प्रधानमंत्री की इस बात पर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 2017 में बजरंग दल पर दिए गए भाषण का वीडियो शेयर किया। बीजेपी नेताओं को बजरंग दल के बारे में सिंधिया से पूछने की सलाह दी। दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, श्रीनिवास बीवी सहित तमाम नेताओं ने सिंधिया के पुराने भाषण का जिक्र करते हुए बीजेपी को घेरा है।

2017 में सिंधिया ने बजरंग दल पर ये बयान दिया था…

2017 में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई की जासूसी के आरोप में पकडे़ गए बजरंग दल कार्यकर्ता बलराम सिंह, ध्रुव सक्सेना को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हमला बोला था। उस वक्त सिंधिया कांग्रेस में थे। उन्होंने कहा था…

बजरंग दल जो राष्ट्रभक्ति के भाषण देता है। उसी बजरंग दल का सदस्य इस पूरे खुफिया तंत्र का मास्टरमाइंड निकला। इसका सही मतलब है कि जो मुंह में राम कहते हैं और बगल में छुरी रखते हैं। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण ये निकला है। तीसरा शख्स है बलराम सिंह, बजरंग दल संस्था का सदस्य है। सारा फंड फ्लो, राशि जासूसों को इस शख्स के द्वारा दी जाती थी। जम्मू कश्मीर में भी आतंकियों को राशि इस शख्स के द्वारा दी जाती थी और आईएसआई के द्वारा स्थापित बैंक अकाउंट्स से विदेशी मुद्रा भी जासूसों को देने के लिए इसी को दी जाती थी। बलराम सिंह ने अनेक बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के नाम पर कई खाते खोले।

सीएम शिवराज बोले- कांग्रेस की मति मारी गई

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस की मति मारी गई है। बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। वह बजरंग दल, जो प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है। वह बजरंग दल जो आतंकवाद का विरोध करता है, लव जिहाद का विरोध करता है। सामाजिक सेवा सहित देश भक्ति के भाव अपने धर्म और संस्कृति के प्रति स्वाभिमान का और जागरण का भाव पैदा करता है।

गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कमलनाथ से मांगा जवाब

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा, कमलनाथ खुद बहुत बड़े हनुमान भक्त बताते हैं। उनके कई ट्वीट बजरंग बली से जुड़े होते हैं। लिखते हैं- राम-लक्ष्मण जानकी, जय बोलो हनुमान की। तो अब कमलनाथ ये स्पष्ट करें कि कांग्रेस ने जो कर्नाटक में मेनिफेस्टो जारी किया है, उसमें पीएफआई की तुलना बजरंग दल से की है।

दिग्विजय सिंह ने अपने कार्यकाल का वीडियो आज शेयर किया, जिसमें बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है। एक तरफ ये खुद को हनुमान जी का भक्त बताते हैं, दूसरी तरफ इन पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। कमलनाथ जी मेरे पत्र का जवाब दीजिए। सोनिया गांधी को भी स्पष्ट करना चाहिए, उनके बेटे और बेटी एमपी में आते हैं तो मंदिर-मंदिर जाते हैं, कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की जनता कांग्रेस को इसका जवाब देगी।

कमलनाथ बोले- यह तो कोर्ट भी कह रहा है

दमोह के जबेरा में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा- हमारी मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक हुई है । हम तो कहते हैं, यह सुप्रीम कोर्ट कह रही है, पूरा प्रदेश कह रहा है जो नफरत फैलाए जो विवाद करवाएं उसके ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह आज हमारी सामाजिक एकता की बात है।

पीएम बोले- जय बजरंग बली बोलने वालों को ताले में बंद करना चाहते हैं

कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणा पत्र को पीएम मोदी ने भगवान हनुमान की पूजा करने वालों को ताले में बंद करने का प्रयास बताया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद किया था और अब वह जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को ताले में बंद करना चाहती है। पीएम ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के कुछ ही घंटों के भीतर ये हमला किया।

पवन खेड़ा बोले- बजरंगी की तुलना बजरंग दल से कैसे कर सकते हैं

पीएम के इस बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पलटवार किया- पवन खेड़ा ने कहा कि ध्रुव सक्सेना जिस दल के हों, उनसे आप मेरे आराध्य देव हनुमान जी, बजरंग बली से तुलना करते हैं। इनसे आप बजरंग दल की तुलना कर रहे हैं, जिनके बारे में 2017 में आपके नेता सिंधिया ने कहा था कि ये आईएसआई सर्टिफाइड पार्टी है। फोन उठाइए और ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछिए, उनके बजरंग दल के बारे में क्या विचार हैं?

दिग्गी ने लिखा- बजरंग दल आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का संगठन

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा- बजरंग दल कोई धार्मिक संगठन नहीं है, बल्कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का एक संगठन है। यदि आपको कोई शंका है तो 2017 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के इस संगठन के बारे में विचार सुन लीजिए। सिंधिया जी अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। आप अपने प्रभाव का उपयोग कर इन सभी लोगों के खिलाफ NSA लगवाएं। इन्हें गिरफ्तार कराएं। मुख्यमंत्री से पूछें, इनको जमानत कैसे मिल गई?

‘मैंने 2000 में सिमी-बजरंग दल को बैन करने का प्रस्ताव भेजा था’

हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया- तुम्हें समझना चाहिए। नरेंद्र मोदी का धर्म ‘हिंदुत्व’ है न कि हिंदू या सनातन धर्म। जैसा कि सावरकर जी ने कहा है ‘हिंदुत्व का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है’। बजरंग दल का भगवान हनुमान से कोई लेना-देना नहीं है। यह गुंडों का संगठन है।

दिग्विजय अगले ट्वीट कर लिखा- धर्म के नाम पर चंदा इकट्ठा करने और वोट बटोरने के अलावा उन्हें धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। धर्म के नाम पर बस वोट व नोट कोड जानते हैं। वे खुलेआम आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। बीजेपी सरकार के तहत एटीएस एमपी पुलिस द्वारा दर्ज आईएसआई पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी का मामला देखें। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें एनएसए के तहत दर्ज नहीं किया और उनकी जमानत अर्जी का विरोध नहीं किया।

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