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बिहार की सियासत में इन दिनों एक नाम काफी गूंज रहा है। वह नाम है आनंद मोहन का। आनंद मोहन के साथ IAS जी कृष्णैया का नाम भी सुर्खियों में है। गोपालगंज के डीएम, जिन्हें भीड़ ने पीट-पीटकर 1994 में मार डाला था।
भीड़ को उकसाने वाले माफिया से नेता बने आनंद मोहन को गुरुवार को बिहार सरकार ने रिहा कर दिया। इस रिहाई के लिए सरकार ने जेल के नियमों को भी बदल दिया। अब इसी पर विवाद छिड़ा हुआ है।
बिहार के ज्यादातर राजनीतिक दल आनंद महोन की रिहाई को जायज ठहरा रहे हैं। वहीं, आईएएस एसोसिएशन ने इस रिहाई के खिलाफ आवाज उठाई है। इसके साथ ही बसपा, आईएमआईएम जैसे दल भी इस रिहाई को गलत बता रहे हैं।