वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का 11वां पूर्ण बजट पेश किया। इस बार के केंद्रीय बजट में सरकार के पास वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कराधान (टैक्सेशन) के प्रावधानों में सुधार करने का मौका था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था। हालांकि, उन्होंने करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही थी।
नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव का एलान
इस बार वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली में तीन से सात लाख रुपये तक 5% कर का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि तीन लाख रुपए तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सात से दास लाख रुपये तक की आमदनी वालों के लिए 10% टैक्स का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार नए एलानों से चार करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का लाभ होगा। वित्त मंत्री ने पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15000 रुपये से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया है। सरकार के इस फैसले से देश के वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलेगा।
कितनी आमदनी वालों को कितना टैक्स देना होगा
- 3,00,000 तक : शून्य
- 3,00,001 से 7,00,000: 5%
- 7,00,001 से 10,00,000: 10%
- 10,00,001 से 12,00,000: 15%
- 12,00,001 से 15,00,000: 20%
- 15,00,000 से ऊपर: 30% (नई कर प्रणाली में)
वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स हटाने का किया एलान, जानें खास बातें
- चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।
- न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 कर दिया गया है।
- विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा।
- म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है।
- ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है।
- टैक्स समाधान के लिए जन विश्वास-2.O पर काम जारी है
- म्युचुअल फंड के रिपरचेज पर टीडीएस खत्म
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20%
- इनकम टैक्स कानून की छह महीने में समीक्षा करेंगे
- एंजेल टैक्स हटाया
करदाताओं की बजट से उम्मीदें जानने से पहले जानते हैं पिछले बजट में वित्त मंत्री ने क्या एलान किए थे?
पिछली बार वित्त मंत्री ने पुरानी टैक्स डिमांड नोटिस वापस लेने की बात कही थी
अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने एलान किया था कि वर्ष 1962 से जितने पुराने करों से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं उनमें वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों (डिमांड नोटिस) से जुड़े 25000 रुपये तक के विवादों को सरकार वापस ले लेगी। इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10 हजार रुपये तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया था। वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स और पेंशन फंड्स में निवेश करने वालों को मिलने वाले कर लाभ की समयसीमा 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने का एलान किया था। ऐसे में स्टार्टअप्स में निवेश करने वालों को इस बजट से एक साल का अतिरिक्त कर लाभ मिलने की राह खुल गई थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में बताया था कि पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 2.4 गुना का इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाताओं को टैक्स रिफंड मिलने में लगने वाले समय में कमी आई है। पहले इसमें औसतन 93 दिन का समय लगता था अब यह कम होकर 10 दिन रहा गया है।
वित्त मंत्री ने कर व्यवस्था को विवेकपूर्ण बनाने का दावा किया था
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में करदाताओं को आश्वस्त किया था कि उनके योगदान का देश के विकास और जनता के कल्याण के लिए विवेकपूर्ण उपयोग किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ने कर दरों में कटौती की है और इन्हें विवेकपूर्ण बनाया है। नई कर योजना के तहत अब 7 लाख तक की आय वाले करदाताओं के लिए कोई कर देनदारी नहीं है। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 2.2 लाख तक की आय वाले करदाताओं को ही कर देनदारी से छूट मिलती थी। टैक्सपेयर्स को मिलने वाली सुविधाओं कहा कि पिछले पांच वर्षों में करदाता सेवाओं में सुधार करने पर हमारा विशेष जोर रहा है।