acn18.com जशपुर /क्षेत्र के ग्रामीणों में मुनगा की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है। साल-दरसाल इसका पेड़ लगाकर ग्रामीण इजाफा कर रहे हैं। इस पेड़ के फल, फूलों के उपयोग से होने वाले प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ के लिए पिछले कई सालों से आयुर्वेद विभाग द्वारा बैठकों, कार्यशालाओं के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। साथ ही विभाग द्वारा पेड़ों के बड़े होते तक सुरक्षित रख पाने योग्य लोगों के पौधे देने की तैयारी भी चल रही थी। पर पिछले सालों से यह योजना शिथिल हो गई। अन्यथा अब तक जशपुर जिले के हर एक टोले-माजरे में भारी मात्रा में मुनगा के पेड़ नजर आने लगते। बावजूद इसकी उपयोगिता से वाकिफ होकर प्रायः अनेक ग्रामीणों का रुझान इस ओर बढ़ा है। लिहाजा हर घर में मुनगा का एक पेड़ अवश्य नजर आता है।
मधुमेह के मरीजों के लिए यह बेहद लाभदायक है
मुनगा के पत्ते को भाजी बनाकर नियमित खाने से काफी लाभ मिलता है। कब्ज या अपच जैसी बीमारी में भी इसके भाजी के प्रयोग से लाभ मिलता है। वहीं खाज-खुजली सहित अनेक बीमारियों में भी इसके जड़,छाल या पत्ते को उबाल कर नहाने से ठीक हो जाता है। वहीं फूलों को सब्जी के रूप में उपयोग करने वाले फूलों में इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पूर्ण रूप से विकसित मुनगे के पेड़ से 50 किलो से डेढ़ क्विंटल तक मुनगा का उत्पादन होता है।