acn18.com कोरबा/ सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत प्रदेश में 2 महीने तक नदी नालों में मछलियों का शिकार नहीं किया जा सकेगा। इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मत्स्य पालन विभाग की टीम सक्रिय रहेगी । ऐसे प्रकरणों में पेनल्टी के साथ एफआईआर जैसी कार्रवाई का प्रावधान भी है।
मछलियों का जीवन पूरी तरह से पानी पर निर्भर होता है और इसके बिना उसके जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। छत्तीसगढ़ के नदी नालों में कई प्रजाति की मछलियां मौजूद हैं। इनके माध्यम से बहुत सारे लोगों के हितों का संवर्धन हो रहा है। मछलियों का प्रजनन काल जून से अगस्त के बीच होता है इसलिए मत्स्य पालन विभाग ने 16 अगस्त तक के लिए मछलियों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरबा में विभाग के सहायक संचालक क्रांति कुमार बघेल ने बताया कि नदी नालों में प्रतिबंध लागू होगा लेकिन केज कल्चर इससे अलग रहेंगे।
सहायक संचालक ने बताया कि अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर की टीम काम कर रही है। वहीं निरीक्षकों को भी जिम्मेदारी दी गई है।
प्रतिबंधित अवधि में मछलियों के शिकार करते पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ विभाग की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके साथ विभाग को यह भी देखने की जरूरत है कि इन दो महीना मैं किसी भी क्षेत्र में खुलेआम मछलियों का विक्रय होता पाया जाए तो उसे पर भी उचित कदम उठाया जाए।