acn18.com सक्ती/ छत्तीसगढ़ में नशा बंदी को लेकर किया गया दावा लंबे समय बाद में जमीन पर नहीं उतर सका है। इन सबसे अलग शक्ति जिले में एक पंचायत ने अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए तंबाकू से बने उत्पादों को नाबालिगों के मामले में प्रतिबंधित कर दिया है । इसके साथ कहा गया है कि किसी भी दुकान में इसकी बिक्री नाबालिगों को की जाती है तो विक्रेताओं को ₹5000 की पेनल्टी देनी होगी। ग्रामीणों ने इस निर्णय की सराहना की है।
जनता के विश्वास के आधार पर लिए जाने वाले निर्णय ना केवल सराहना करते हैं बल्कि वे दूसरे क्षेत्रों के लिए उदाहरण भी बन जाते हैं। छत्तीसगढ़ के नवगठित सक्ती जिले में परसाडीह ग्राम पंचायत की ओर से हाल में ही ऐसा ही काम किया गया है। बताया जाता है कि स्थानीय लोगों ने अलग-अलग स्तर पर सर्वेक्षण के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि अगर नई पीढ़ी को नशे के कुचक्र से बचाना है दो कुछ तगड़े इंतजाम करने ही होंगे। ग्राम पंचायत को खबर मिल रही थी नाबालिगों तंबाकू से बने उत्पाद बड़ी आसानी से प्राप्त हो रहे हैं और इसके कारण विपरीत स्थितियां निर्मित हो रही है इसीलिए आनन-फानन में फैसला लेकर इस व्यवस्था को प्रतिबंधित किया गया है। पंचायत के लोगों ने सरपंच के इस निर्णय का स्वागत किया।
यहां याद रखना होगा कि भारत सरकार ने तंबाकू और अन्य संबंधित उत्पाद के मामले को लेकर कोटपा एक्ट बनाया हुआ है और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास इसकी बिक्री को प्रतिबंधित किया है इसके बावजूद अनेक क्षेत्रों में इस अधिनियम के अनदेखी करते हुए कारोबार किया जा रहा है । परसाडीह पंचायत ने नाबालिगों के हित में जो कदम उठाया है उसकी चर्चा आसपास में हो रही है माना जा रहा है कि दूसरे क्षेत्र के लोग इस दिशा में आगे इस प्रकार की व्यवस्था बना सकते हैं