acn18.com बलौदाबाजार/ छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने एक आरोपी को और गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसी ने बवाल के दौरान संयुक्त कार्यालय में 10 जून को तिरंगा फहराने वाले पोल पर सफेद ध्वज लगा दिया था। हिंसा केस में अब तक 138 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस लगातार वीडियो, फोटो और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान कर रही है। इसी बीच झंडा लगाने वाले आरोपी की भी पहचान डिगेश्वर बांधे के रूप में हुई। डिगेश्वर लवन थाना इलाके के कोरदा गांव का रहने वाला है। उसे वहीं से पकड़ा गया है। इस बीच गृहमंत्री ने कहा कि हिंसा में दुर्ग से कौन-कौन गया था, उन्हें सबके नाम पता हैं।
संयुक्त कार्यालय परिसर में 10 जून को लगाया था सफेद ध्वज
गृहमंत्री बोले- दुर्ग से कौन-कौन गया था, सबके नाम पता हैं
इस मामले में डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने शुक्रवार को दुर्ग के कांग्रेस नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बलौदाबाजार हिंसा में दुर्ग से कौन-कौन गया था और कौन-कौन हिंसा में शामिल था, उन्हें सबके नाम पता हैं। कांग्रेस के आंदोलन और दावों को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह से राजनीति कभी नहीं की जाती है कि अपने ही लोगों को खत्म कर दिया जाए।
जानिए क्यों भड़की हिंसा…
जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। 10 जून को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।
उपद्रवियों ने 2 दमकलों सहित 77 वाहन फूंके थे
उपद्रवियों ने 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया था। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की। इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित ध्वजारोहण के पोल पर सफेद रंग का ध्वज लगा दिया था।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी CM विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचकर मौके का जायजा लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन…
- 15 मई: सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
- 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
- 17 मई : पुलिस में मामला दर्ज कर किया।
- 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई।
- 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी।
- 20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई।
- 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
- 08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई।
- 09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए। इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
- 10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई।
- 10 जून : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। मौके पर IG और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है, 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई। 73 आरोपी गिरफ्तार हुए, 200 हिरासत में लिए गए। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई।
- 11 जून : पुलिस ने शाम तक 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई गईं। कई जगह छापामार कार्रवाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीटिंग में अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई। देर रात आईएएस दीपक सोनी को नया कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी नियुक्त किया गया। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय भेजा
- 12 जून : भाजपा के आरोपों पर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार गिरफ्तारी देने के लिए थाने पहुंचे। उन्होंने मंत्रियों के माफी नहीं मांगने पर मानहानि का केस करने की चेतावनी दी।
- 13 जून : कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची। उसने धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना की। टीम के संयोजक और पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि, जैतखाम को क्षतिग्रस्त किया गया, तब FIR भी नहीं हुई।
- 15 जून: भीम रेजिमेंट के रायपुर संभाग अध्यक्ष जीवराखन बांधे जगदलपुर से गिरफ्तार, सूत्रों के मुताबिक प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी को भी रायपुर से पकड़ा गया।
- 17 जून: प्रशासन ने जिले में 20 जून तक धारा-144 बढ़ा दी।
- 18 जून: कांग्रेस ने प्रदेशस्तरीय धरना प्रदर्शन किया।
अब तक इस मामले में 138 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
उपद्रवियों ने कलेक्ट्रेट परिसर सहित वहां खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया था।
कलेक्टर परिसर में आग लगाने से कई विभागों में रखे दस्तावेज जल गए। वहीं कई वाहनों को भी फूंक दिया गया था।