acn18.com कोरबा /कोरबा जिला पुलिस बल में पदस्थ अपना के बाद अब तक स्निफर डॉग बाघ ने अनेक अनसुलझे मामलों को हल करने के लिए खास भूमिका निभाई है। स्वाधीनता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ से पहले एक संगठन ने उसे सम्मानित किया। प्रशिक्षक की मौजूदगी में बाघा को बॉडी बेल्ट प्रदान किया गया।
विभिन्न प्रकार के अपराधों के घटित होने पर पुलिस उन्हें अलग अलग तरीके से सुलझाने का काम करती है । तमाम तरह के संसाधन होने पर भी जब परिणाम सामने नहीं आते तो पुलिस को स्निफर डॉग बाघा की मदद लेना पड़ती है। बाघा के काम करने का अंदाज काफी बेहतर है और वह इसी तरह से आरोपियों को बड़ी आसानी से धर दबोचता है। पेट्स लवर्स एजुकेशन के द्वारा अपराध अनुसंधान में उसकी भूमिका को देखते हुए औपचारिक रूप से सम्मानित किया गया।
स्निफर डॉग बाघा के ट्रेनर सुनील कुमार ने बताया कि कोरबा में अपनी पदस्थापना से लेकर अब तक बाघ ने चोरी लूट अंधे कत्ल सहित 56 मामलों को सुलझाने में सफलता हासिल की है और पुलिस का सहयोग किया है। सुनील कुमार ने बताया कि समय-समय पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पुलिस लाइन में पहुंचकर बांधा का हाल-चाल जानते हैं और जरूरी दिशा निर्देश देते हैं।
रक्षित केंद्र के प्रभारी ने बताया कि निश्चित रूप से बाघ ने अपनी भूमिका बेहतर रूप से निभाई है और इसी के लिए उसे एक संस्था ने सम्मानित किया है।
पुलिस में मेन पावर और टेक्नोलॉजी के साथ साथ दूसरे संसाधनों का जितना महत्व है उतना ही महत्व बाघा का भी है। उसके द्वारा की जाने वाली कोशिशों से जटिल अपराधों को सुलझाने में ना केवल सहायता मिलती है बल्कि विभाग का कामकाज आसान होता है
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