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मां बम्लेश्वरी के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे बादल:नजारा हिल स्टेशन के जैसा खूबसूरत, गरज-चमक के साथ बारिश के आसार

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Acn18.com/राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में मौसम बेहद सुहाना हो गया है। वहीं मां बम्लेश्वरी माता का मंदिर बादलों से ढंक गया है। बादल मंदिर के चारों ओर इस तरह से तैरते नजर आ रहे हैं कि नजारा बेहद खूबसूरत हो गया है।

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3 दिनों से मौसम में बदलाव होने से गर्मी कम हो गई है, क्योंकि कुछ दिनों तक मानसून पर ब्रेक लगने से मौसम उमस भरा हो गया था। शनिवार 9 सितंबर को यहां का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस है, साथ ही बादल छाए हुए हैं और बारिश के आसार हैं।

ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीर बेहद मनमोहक

मां बम्लेश्वरी मंदिर के ऊपर पहाड़ी पर ऐसा नजारा बन गया है, मानों बादल खुद माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे हैं। बादल ने पहाड़ को चारों ओर से ढंक लिया है। इस वजह से केवल मंदिर में लगा टावर ही नजर आ रहा है। ड्रोन कैमरे से ली गई बादल और पहाड़ की तस्वीर काफी मनमोहक लग रही है। शुक्रवार को यहां धूप नहीं निकली।

बारिश का सिस्टम पड़ा कमजोर

बारिश का सिस्टम एक बार फिर से कमजोर पड़ गया है। हालांकि शुक्रवार की सुबह हल्की बारिश हुई, लेकिन शनिवार को फिर से बादल छा गए। प्रमुख जलाशयों में जलभराव 50 से 60 फीसदी तक हो पाया है। कैचमेंट एरिया में कमजोर बारिश से ऐसी स्थिति बनी है।

मां बम्लेश्वरी मंदिर की खास बातें

विश्व प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ में स्थित है। यहां मां बम्लेश्वरी बगलामुखी के रूप में विराजित हैं। 1600 फीट ऊपर पहाड़ों पर स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए 1100 से भी अधिक सीढ़ियां चढ़कर भक्त यहां पहुंचते हैं। यहां ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक जाने के लिए रोपवे की भी व्यवस्था है। नवरात्र के 9 दिनों में लगभग 15 लाख से भी अधिक श्रद्धालु माता के दर्शन करने डोंगरगढ़ पहुंचते हैं।

डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर के गर्भ गृह को सोने से सजाया गया है। मां बम्लेश्वरी के गर्भ गृह में लगभग 3 किलो सोने से राजस्थानी नक्काशी की गई है। मंदिर को दान मिले स्वर्ण को एकत्रित कर लगभग 3 किलो सोने से जयपुर के 20 कारीगरों ने माता के गर्भगृह में कलाकृतियों को उकेरा। इस तरह की कलाकृतियां प्राचीन काल में राजस्थान में बने किलों या महलों में देखने को मिलती हैं।

डोंगर का मतलब पहाड़ और गढ़ का अर्थ किला

राजसी पहाड़ों और तालाबों के साथ डोंगरगढ़ शब्द लिया गया है। डोंगर का मतलब पहाड़ और गढ़ का अर्थ किला होता है। इस जगह का आध्यात्मिक महत्व है। देश के अलावा विदेशों के भक्त भी मां बम्लेश्वरी मंदिर में मनोकामना जोत प्रज्ज्वलित करते हैं।

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