Acn18.com कोरबा/कोरबा विधानसभा क्षेत्र के कोहड़ियां मोहल्ले में जो कुछ हुआ उसे लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं माना जा सकता. किसी प्रत्याशी अथवा उनके समर्थक के मोहल्ले या गांव में प्रतिद्वंदी दल का नेता यदि अपने भाव प्रकट करने जाता है तो उसका विरोध इस तरह से नहीं किया जाना चाहिए जैसा मंगलवार को कोहडिया चार पारा में हुआ. ऐसा प्रदर्शन यदि सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी और उनके समर्थक करने लगे तो लोकतंत्र लोकतंत्र कहां रह जाएगा. हम विशाल देश व प्रदेश की जगह कबीलाई परंपरा का निर्वहन करने लगेंगे.
प्रत्येक व्यक्ति व प्रत्याशी कहीं ना कहीं अपने लिए विशिष्ट स्थान बनाए होता है वहां के अधिकांश लोग, पड़ोसी ,मोहल्ला या गांव का होने के नाते अधिक समर्थन व प्यार करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि कोई दूसरे गांव या मोहल्ले का व्यक्ति वहां प्रवेश न कर सके. इस सोच को तिरोहित करना होगा. जिस भी पार्टी अथवा व्यक्ति के समर्थको ने कोहडिया चारपारा में अलोकतांत्रिक कृत्य किया है उन पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी भी उनकी है. उन्हें चाहिए कि जिन लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था उन्हें समझाया जाए कि लोकतंत्र को मजबूत करना हम सब की जिम्मेदारी है. हम एक राष्ट्र एक प्रदेश और एक शहर या गांव के लोग हैं. चुनाव के बाद भी हम सबको एक साथ रहना है. इसलिए मतभेद तो चलेगा लेकिन मनभेद कदापि ना हो यह प्रयत्न हम सबको मिलकर करना होगा.