गरियाबंद. एसडीएम ने देवभोग ब्लॉक के 12 शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालन के लिए संचालन समिति की नियुक्ति की है, जिसमें नियमों का पालन नहीं किया गया है. इसके चलते इस नियुक्ति का अब विरोध शुरू हो गया है. दरअसल ब्लॉक में शुकलीभाठा पुराना, शुकलीभाठा नवीन, बरकानी, कोड़कीपारा, कदलीमुड़ा, भतराबहाली, उसरीपानी, पुरनापानी, सरगीगुड़ा, मूंगिया, घूमरगुड़ा, बरबहली के शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन महिला समूह के हाथों में देना था. इसकी नियुक्ति की जिम्मेदारी देवभोग एसडीएम को दी गई थी, लेकिन नियुक्ति की पूरी प्रकिया में एसडीएम ने तय नियम का पालन नहीं किया, जिसका अब विरोध शुरू हो गया है.
ज्ञापन सार्वजनिक नहीं किया, दावा आपत्ति भी नहीं मंगाया
देवभोग एसडीएम कार्यालय ने नियुक्ति की सार्वजनिक सूचना 04/09/2024 को जारी किया. सूचना को दैनिक अखबार में प्रकाशन कराया जाना था. संबंधित पंचायतों में सार्वजनिक भी करना था पर इसे सरकारी सोशल मीडिया ग्रुप तक सीमित रखा गया, फिर भी 12 दुकान के लिए 28 समूहों ने आवेदन किया था. 4 अक्टूबर को एसडीएम ने दुकान संचालन समिति का चयन सूची जारी कर किसान सहकारी समिति को संचालन प्रभार देने पत्र भी जारी कर दिया, लेकिन प्राधिकृत पत्र जारी करने से पहले जिन समूह को अपात्र बताया उन्हें किस वजह से अमान्य किया गया यह नहीं बताया गया, ना ही नियुक्ति के पूर्व सूची चस्पा कर दावा आपत्ति मांगा गया था. हैरानी की बात है कि पूरी प्रक्रिया की नोटशीट चलाई जानी थी. नियुक्ति आदेश में खाद्य विभाग के अफसर की अभिमत व अनुशंसा की आवश्यकता थी, जिसे भी लेना जरूरी नहीं समझा गया. एजेंसी को दुकान हस्तांतरण के पूर्व कलेक्टर खाद्य शाखा को भी इसकी सूचना दिया जाना था, जिसे नहीं दिया गया है.
सूचना सार्वजनिक नहीं था, आवेदन नहीं कर सके
नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद पूरना पानी के ग्रामीणों ने राशन कार्डधारियों का दस्तखत कर एसडीएम तुलसी दास को ज्ञापन सौंप संचालन एजेंसी यथावत रखने की मांग की है. गांव प्रमुख मनी राम निधि, सिद्धार्थ निधि, सखाराम यादव ने कहा कि पूरनापानी दुकान संचालन के लिए कोदोभाठा के समूह का चयन कर दिया गया. नियुक्ति के लिए आवेदन मांगने की सूचना मिलती तो हमारे गांव के महिला समूह को आवेदन कराते. भारी लेनदेन कर गुपचुप नियुक्ति कर दिया गया है. मंगलवार को कलेक्टर जन दर्शन में इसकी शिकायत करेंगे.
दावा आपत्ति का अवसर नहीं दिया गया, लेंगे न्यायालय का शरण
गांधी महिला स्व सहायता समूह धौराकोट की पदाधिकारी सरस्वती सिन्हा ने बताया कि सुकलीभाठा नवीन और गोहरापदर राशन दुकान संचालन का विधिवत आदेश हमारे समूह के पास है. न्यायालयीन प्रकिया के बाद मंत्रालय से यह अधिकार हमें दिया गया था. बगैर हमारे सूचना के, बगैर हमारे आदेश को निरस्त किए दूसरी समूह को एजेंसी बना दिया गया. 4 अक्टूबर को जब नियुक्ति पत्र मार्केटिक सोसाइटी को भेजा गया तब हमें इसका पता चला. नियुक्ति प्रकिया में दावा आपत्ति का भी प्रावधान होता है. बगैर दावा आपत्ति नियुक्ति का विरोध करने 4 अक्टूबर को एसडीएम देवभोग को पत्र भी दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब हम अपने अधिकार के लिए न्यायालय की शरण लेंगे.
प्रक्रिया नियम विरुद्ध हुआ है तो निरस्त होगा आदेश : खाद्य अधिकारी
इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने कहा, एजेंसी नियुक्ति का आदेश हमारे कार्यालय से जारी था. नियुक्ति प्रकिया की जानकारी विधिवत इस कार्यालय को अवगत कराना था, लेकिन हमें इसकी जानकारी नहीं है. अगर सार्वजनिक सूचना और दावा आपत्ति जैसे जरूरी नियम का पालन नहीं किया गया है तो गलत है. मामले को कलेक्टर के संज्ञान में लाकर जानकारी लेते हैं. नियम विरूद्ध होगा तो आदेश निरस्त किया जाएगा.