ACN18.COM नईदिल्ली I देशभर में लाउडस्पीकर से होने वाली अज़ान को लेकर जहां एक तरफ विवाद छिड़ा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बड़ा फैसला लिया है. दक्षिणी मुंबई के धर्मगुरुओं और ट्रस्टियों ने यह फैसला किया है कि मस्जिदों में सुबह के वक्त लाउडस्पीकर से अजान नहीं दी जाएगी. मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके मोहम्मद अली रोड, मदनपुरा, नागपाड़ा समेत 26 मस्जिदों के धर्मगुरुओं ने सुन्नी बड़ी मस्जिद में बैठक के बाद एकमत से यह फैसला किया है.
उन्होंने अपने फैसले में कहा है कि सुबह की अज़ान लाउडस्पीकर से नहीं पढ़ी जाएगी. इसके साथ ही, सभी मस्जिदों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन किया जाएगा. रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक न अज़ान होगी और न ही लाउडस्पीकर का उपयोग किया जाएगा.
एमएनएस नेता के खिलाफ मामला दर्ज
इधर, लाउडस्पीकर विवाद के बीच लगातार एमएनएस कार्यकर्ताओं की धरपकड़ और उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है. शिवाजी पार्क इलाके में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के घर के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान एक महिला पुलिस कांस्टेबल के मामूली रूप से घायल होने के मामले में पुलिस ने बुधवार को मनसे नेता संदीप देशपांडे और संतोष धुरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया, देशपांडे, धुरी और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग), 279 (असुरक्षित वाहन चलाकर दूसरों को खतरे में डालना), 336 (दूसरों की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) के तहत मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
अधिकारी ने कहा, इस संबंध में संतोष साली को गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने कहा कि देशपांडे, धुरी और वाहन के चालक की तलाश की जा रही है. महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने घटना पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त को मामले में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
मुंबई के केवल 24 मंदिरों को ही लाउडस्पीकर की अनुमति
मुंबई पुलिस ने बुधवार को कहा कि शहर के करीब 2,400 मंदिरों में से केवल 24 को ही लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति मिली है, जबकि कुल 1,140 मस्जिदों में से 950 मस्जिदों को अधिकारियों ने इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, महानगर के सिर्फ एक फीसदी मंदिरों ने अपने परिसरों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति ली हुई है.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक हालांकि, चर्च, गुरुद्वारों, बौद्ध विहारों और यहूदियों के उपासना स्थल जैसे अन्य धार्मिक स्थलों द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल संबंधी आंकड़ें अभी भी पुलिस द्वारा एकत्र किए जा रहे हैं और इन पूजा स्थलों के प्रबंधन को लाउडस्पीकर लगाने के लिए अनुमति लेने के लिए कहा जाएगा. गौरतलब है कि इस समय महाराष्ट्र समेत देश के अन्य हिस्सों में धार्मिक स्थलों द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर विवाद चल रहा है.