spot_img

CG में इंडिया गेट की तरह बन रही ‘अमर वाटिका’:1200 से ज्यादा शहीद जवानों के लिखे जा रहे नाम, म्यूजियम भी बन रहा

Must Read

acn18.com जगदलपुर /छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में इंडिया गेट की तर्ज पर ‘अमर वाटिका’ का निर्माण किया जा रहा है। इस अमर वाटिका में करीब 60 फीट ऊंचा शहीद स्मारक बनाया गया है। शहीद स्मारक के पास एक काले ग्रेनाइट की दीवार में नक्सली मुठभेड़ों में शहीद हुए 1200 से ज्यादा जवानों के नाम लिखे जा रहे हैं। इसके अलावा पास में ही म्यूजियम भी बनाया जा रहा है। जिसमें हथियारों और नक्सल मोर्चे पर जवान किस तरह से काम करते हैं इसकी जानकारी दी जाएगी।

- Advertisement -

जगदलपुर-रायपुर नेशनल हाईवे-30 के किनारे आमागुड़ा में अमर वाटिका का निर्माण हो रहा है। इसके लिए करीब 40 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं। 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस अमर वाटिका में पहुंचकर यहां शहीद स्मारक में जवानों को श्रद्धांजलि देंगे। बताया जा रहा है कि, नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जवानों की याद में बनाई गई बस्तर की पहली और सबसे बड़ी अमर वाटिका है। अमर वाटिका के पास गार्डन का भी निर्माण किया जा रहा है।

बस्तर के IG सुंदरराज पी ने बताया कि, बस्तर में शांति लाने के लिए करीब 1200 से ज्यादा जवानों ने अपनी कुर्बानी दी है। उन्हीं की याद में अमर वाटिका का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, आने वाले दिनों में बस्तर में सकारात्मक कार्य होंगे। जिससे नई पीढ़ी को यह बताना भी जरूरी होगा कि, यहां शांति स्थापित करने कितने जवानों ने अपनी शहादत दी है। इस अमर वाटिका में बनाए जा रहे म्यूजियम से भी लोगों को कई और जानकारी भी मिलेगी।

इन घटनाओं ने देश को रुलाया

बस्तर में साल 2007 में नक्सलियों ने रानीबोदली में सुरक्षाबलों के कैंप पर हमला किया था। बताया जाता है कि, नक्सलियों का मुकाबला करते हुए जवानों की गोलियां खत्म हो गई थी। जिसके बाद नक्सली कैंप में घुसे और पेट्रोल बम दागना शुरू कर दिए थे। इस नक्सल घटना में 55 जवान शहीद हुए थे। पुलिस जवानों का कैंप मानो श्मशान बन गया था। जगह-जगह लाशें बिछी हुई थीं। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद यह बस्तर की पहली सबसे बड़ी नक्सल घटना थी। इस घटना ने पूरे देश को रुलाया था। इसी साल कई और घटनाएं भी हुई थी।

ताड़मेटला हमले में 76 जवान हुए थे शहीद

साल 2010 में ताड़मेटला में देश की सबसे बड़ी नक्सल घटना हुई थी। यहां नक्सलियों ने जवानों को एंबुश में फंसाया था। माओवादियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस घटना में 76 जवानों ने अपनी शहादत दी थी। साल 2007 के बाद 2010 में इस घटना ने एक बार फिर से देशवासियों को झकझोर कर दिया था। इसी साल नक्सलियों ने चिंगावरम में एक बस को IED ब्लास्ट कर उड़ाया था। जिसमें 20 जवान शहीद हुए थे।

इन घटनाओं ने भी दहलाया दिल

  • मार्च 2014 को सुकमा के टाहकवाड़ा में 16 जवानों की शहादत हुई थी।
  • अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के बुरकापाल में हुए हमले में 25 जवान शहीद हुए थे।
  • साल 2020 में सुकमा के चिंतागुफा इलाके में हुई घटना में 17 जवानों की शहादत हुई थी।
  • साल 2021 में बीजापुर के टेकलगुड़ा में 22 जवानों ने अपना बलिदान दिया था।

बस्तर में विकास के लिए अब भी डटे हैं जवान

कमारगुड़ा, टेटम, पोटाली, छिंदनार, बड़े करका, चिकपाल, बोदली, मालेवाही, कड़ियामेटा, सिलगेर, पुसनार,डब्बाकोंटा जैसे कई नक्सल इलाकों में सुरक्षाबलों का कैंप खुला है। इन इलाकों में फोर्स की तैनाती के बाद विकास काम भी तेजी से हो रहे हैं। यहां अब ग्रामीण भी खुलकर आजादी का जश्न मनाते हैं। आज भी नक्सलियों के कोर इलाके में जवान डटे हैं। हर दिन जान हथेली पर रखकर सिर्फ इसलिए चल रहे ताकि बस्तर में अमन, चैन, शांति लाई जा सके। पूरे बस्तर संभाग में जिला पुलिस बल के अलावा CRPF, STF, CAF, ITBP, कोबरा, रेलवे पुलिस, SSB के जवानों की तैनाती है।

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

सरायपाली खदान में स्टॉरेक्स मिनरल्स ठेका कंपनी की गुंडागर्दी उजागर,एसईसीएलकर्मी के साथ की गई अभद्रता,जान से मारने का प्रयास,श्रमिक संगठन एटक ने खोला मोर्चा।देखिए...

Acn18.com/कोरबा के पाली में संचालित एसईसीएल की सरायपाली कोल परियोजना में नियोजित स्टॉरेक्स मिनरल्स ठेका कंपनी के अधिकारी और...

More Articles Like This

- Advertisement -