ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी॑ अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 15 जुलाई को केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप लगाया था। इस पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सिर्फ सनसनी फैलाना चाहते हैं। सबूत हैं तो सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जाएं।
अजेंद्र अजय ने कहा- मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करता हूं लेकिन वे दिनभर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं। विवाद खड़ा करना, सनसनी फैलाना और चर्चाओं में बने रहना अविमुक्तेश्वरानंद की आदत है। अगर स्वामी कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने और केदारनाथ की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने क्या कहा था
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 15 जुलाई को मुंबई में थे। उन्होंने दिल्ली में ‘केदारनाथ मंदिर’ का प्रतिकृति मंदिर बनाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- भगवान के हजार नाम हैं, किसी और नाम से मंदिर बनाएं… पूजा करें। जनता को भ्रम में न डालें। क्या दिल्ली में मंदिर बनाने के पीछे राजनीति है, इस पर शंकराचार्य बोले- हमारे धर्म स्थानों पर राजनीति वाले प्रवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया और आज तक जांच नहीं हुई। कौन जिम्मेदार है? अब वहां घोटाला कर लिया तो दिल्ली में मंदिर बनाएंगे? वहां दूसरा घोटाला करेंगे? हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस बयान के बाद शिवसेना UBT के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के घर गए थे।
दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ
दरअसल, 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ नाम से मंदिर का शिलान्यास हुआ। कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी भी थे। आयोजन समिति ने शिलान्यास कार्यक्रम का जो आमंत्रण पत्र जारी किया, उसमें भगवान शिव और केदारनाथ धाम की फोटो है।
नीचे ‘केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली’ के फाउंडर सुरेंद्र रौतेला की फोटो है। दान और चंदे के लिए क्यूआर कोड भी दिया गया हैै। शिलान्यास के बाद से ही केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि ज्योतिर्लिंग का एक ही स्थान है, दूसरे स्थान पर धाम नहीं हो सकता।