acn18.com अलीगढ़/अलीगढ़ के सोमना और डांबर रेलवे स्टेशन के बीच नीलांचल एक्सप्रेस में दर्दनाक हादसा हुआ। शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजकर 50 मिनट पर 110 किलोमीटर की रफ्तार से फर्राटा भरती नीलांचल एक्सप्रेस के जनरल कोच का शीशा तोड़ते हुए पटरी के किनारे पड़ी लोहे की रॉड एक यात्री की गर्दन में धंसते हुए आरपार हो गई। हादसे में सुल्तानपुर निवासी यात्री हरिकेश दुबे (34) की मौके पर ही मौत हो गई। यात्री के बगल में दूसरी सीट पर बैठी महिला बालबाल बची। हादसे के बाद उसी कोच में खून से लथपथ शव के साथ सहमे यात्रियों ने लगभग आधे घंटे अलीगढ़ तक का सफर किया। नीलांचल एक्सप्रेस में हुई घटना ने ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को अंदर तक हिला दिया है। स्तब्ध कर दिया है। घटना के बाद उस कोच में सवार ज्यादातर मुसाफिर दहशत में थे।
सुबह 8.50 बजे के करीब जब ये हादसा हुआ। उस वक्त ट्रेन 110 किमी की रफ्तार से दौड़ रही थी। उसके बाद ट्रेन के अलीगढ़ पहुंचने तक लगभग 32 मिनट लगे। ये 32 मिनट खौफ में गुजरे। यात्रियों को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं आगे भी इस तरह की घटना न हो जाए।
दहशत का आलम ये था कि खिड़की के पास बैठे यात्रियों ने सीट छोड़ दी। ज्यादातर लोग बीच की गैलरी में आ गए। दरवाजे से बाहर का नजारा देखने के शौकीन भी सहम गए। उन्हें भी जान की चिंता सता रही थी। बच्चों के साथ सफर कर रहीं महिलाओं ने अपने नौनिहालों को गोद में समेट लिया। उन्हें कोच में फर्श पर खेलने से रोक दिया।
यात्री बार-बार हरिकेश की ओर देख कर सहम जाते। उनको समझ में नहीं आ रहा था.. आखिर ये कैसे हुआ। यात्री आपस में ये भी चर्चा कर रहे थे कि मौत ऐसे भी आ सकती है। ये किसी ने सोचा भी न होगा। कोच में हरिकेश की सीट खाली ही रही। दूसरे यात्री उस पर बैठने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे थे।
गोली की रफ्तार से घुसी थी लोहे की रॉड
नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच में यात्रा कर रहे विनय सरोज और शैलेंद्र मिश्र के अनुसार ट्रेन डाबर स्टेशन के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक जोरदार आवाज के साथ एक लोहे की रॉड खिड़की के लगे शीशे को तोड़ते हुए सीधे सीट संख्या 15 पर सवार यात्री की गर्दन एवं कान के बीच से सिर से पार होकर प्लाईबोर्ड में जा घुसी।जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। यात्री का काफी खून बह गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त पास में ही बैठी दूसरी महिला यात्री बाल-बाल बच गई।
उन्होंने बताया कि ट्रेन को चेन पुलिंग कर रोका गया और स्टाफ को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। यह गंभीर मामला है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही है। दोषियों को इसकी सजा मिलनी चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा पर भी रेलवे को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
हादसा या लापरवाही, रेलवे ने जांच बैठाई
नीलांचल एक्सप्रेस ट्रेन में शुक्रवार को हुए हादसे में तकनीशियन की मौत ने रेलवे के सुरक्षा इंतजामों पर तमाम तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मोबाइल टॉवर से जुड़ी एक कंपनी में तकनीशियन को अपनी जान गंवानी पड़ गई।
सवाल उठता है कि जब रेलवे सुरक्षा एवं संरक्षा की बात करता है तो शुक्रवार को ट्रेन गुजरने के समय लापरवाही क्यों बरती गई ? जब चलती ट्रेन में इस तरह का हादसा हो सकता है तो सफर करने वाले यात्री कितने सुरक्षित होंगे ? समझा जा सकता है।
हादसे के वक्त ट्रेन 110 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी। उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार हादसे को लेकर रेलवे ने जांच बैठा दी है। पता कराया जा रहा कि यह हादसा किसकी लापरवाही से हुआ है।