Acn18.com राजिम। राजिम कुंभ कल्प के आठवें दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने दर्शकों की खचाखच भीड़ रही। मंच पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक गीतों की शानदार प्रस्तुति दी, जिसे देख दर्शक भी झूमने को मजबूर हो गए। मंच पर कार्यक्रम की शुरुआत रायपुर के किशोर देवांगन ने शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायन के द्वारा झुमरी की प्रस्तुति दी।
जिसमें जमुना किनारे मोर गांव….उसके बाद एक और झुमरी सावरियां…… की प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा। पद्मश्री सम्मानित पंडवानी गायिका उषा बारले ने मंच पर जुआ में हारने के कारण पाण्डव को मिले एक वर्ष के अज्ञातवास का व्याख्यान किया। जिसमें रामे-रामे और रागी शब्दों का उच्चारण पंडवानी की खास पहचान बनी हुई है। मंच पर छत्तीसगढी फिल्म़ के जाने माने हास्य कलाकार उर्वशी साहू ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुति दी। कलाकारों ने गणेश वंदना और गौरी पुत्र गणराज…. मया देदे ओ मया लेले न…… ने धूम मचा दिया। इसी तरह बाग नदिया टूरी झन जा बाग नदिया…. ददरिया गीत ने दर्शको को झूमने पर मजबूर कर दिया। ओड़िसा के कलाकार आर्या नन्दे ने नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी। मंच पर कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति लोकप्रयाग, लोकमंच राजेश साहू नवापारा एवं उनके टीम ने भी सुमधुर गीतों के माध्यम से दर्शकों का दिल जीत लिया। संगी तोला का होगे न…… तोर सुरता म मोला….. जैसे छत्तीसगढ़ी और जसगीतों ने दर्शकों से खूब वाहवाही लूटी। कलाकारों का सम्मान नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमति रेखा जितेन्द्र सोनकर, रमेश पहाड़िया, छायाराही, पूर्णिमा चंद्राकर, धनमती साहू, साधना सौरभ, एसपी भोजराम पटेल सहित जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने गुलदस्ता भेंटकर किया।