Acn18.com/कोरबा के हर इलाके में कोयला की उपस्थिति बनी हुई है और इसके उदाहरण भी लगातार सामने आ रहे हैं। जल संसाधन विभाग के द्वारा कोरबा के इमलीडुग्गू क्षेत्र की नहर में दो गेट बनाने के लिए खुदाई के दौरान कोयला मिला। इसके साथ ही यहां लोगों में कोयला ढोने की होड़ लग गई।
बीते वर्षों में कोरबा नगर स्थित हसदेव बांगो बाई तट नहर नहाने के दौरान कई लोगों की लापता होने के साथ मौत हो गई। कई घंटों की प्रतीक्षा और मशक्कत के बाद ऐसे लोगों के साथ दूसरे जिले में मिले। इसे देखते हुए इमलीडुग्गू क्षेत्र में नहर में अतिरिक्त गेट लगाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस तरफ अब काम शुरू हुआ है। कैलाश अग्रवाल को इस काम का ठेका हसदेव जल प्रबंध संभाग के द्वारा दिया गया है। इसके लिए नहर के अगल-बगल खुदाई की जा रही है। इसी प्रक्रिया में एक जगह कोयला का ढेर मिला है। जिसके बाद लोगों में कोयला प्राप्त करने कि होड़ लग गई। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई कि इस स्थिति में दुर्घटना भी हो सकती है।
ठेका कंपनी के सुपरवाइजर ने बताया कि मौके पर किए जाने वाले काम के जरिए नहर का पानी सीधे साइफन पर गिराया जाएगा। यहां एक स्थान पर कोयला मिला है जिसके लिए लोग पहुंच रहे हैं।
कोरबा में शहर से लेकर जिले के बहुत बड़े हिस्से में कोयला खनिज अलग-अलग श्रेणी में उपलब्ध है जिसका दोहन वर्ष 1950 के आसपास से लगातार हो रहा है। वर्तमान में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कोयला खनन का काम कर रही है जबकि सबसे शुरुआत में नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन के द्वारा इस काम को किया गया और बाद में वेस्टर्न कोलफील्ड्स के द्वारा कोरबा में कोयला खदान संचालित की गई। याद रहे बीते वर्षो में हुए सर्वेक्षण में इस बात की जानकारी मिली है कि दाएं तट नहर के नीचे भी कोयला का विशाल भंडार उपलब्ध है लेकिन कई कारणों से नहर को शिफ्ट करने का काम नहीं हो सका।