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कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट:इलेक्शन कमीशन के रुझानों में कांग्रेस 110 सीटों पर आगे, पार्टी ने सभी विधायकों को बेंगलुरु बुलाया

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Acn18.com/कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, कांग्रेस 110, भाजपा 73, जेडीएस 24 और अन्य 5 सीट पर आगे है। कांग्रेस को 43.4%, भाजपा को 36.5% और जेडीएस को 12.2% वोट मिलते दिख रहे हैं।

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आम रुझानों में कांग्रेस 115, भाजपा 78, जेडीएस 26 और अन्य को 5 सीटें मिलती नजर आ रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक, रुझानों को देखते हुए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु पहुंचने को कहा है। उधर, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा या कांग्रेस किसी भी पार्टी ने उनसे संपर्क नहीं किया है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट्स अपडेट…

  • कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि मेरे पिता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
  • वरुणा सीट से कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे चित्तपुर सीट पर आगे।
  • जेडीएस नेता कुमारस्वामी रामनगर की चन्नापटना विधानसभा सीट से पीछे चल रहे हैं।
  • कनकपुरा सीट से कांग्रेस के डीके शिवकुमार, जगदीश शेट्टार हुबली धारवाड़ सेंट्रल सीट से आगे।
  • 10 एग्जिट पोल में 5 में हंग असेंबली

    एग्जिट पोल्स और वोटिंग पैटर्न से समझ ही नहीं आ रहा है कि किसकी सरकार बनेगी। एग्जिट पोल्स की बात करें तो 10 में से 5 में हंग असेंबली की भविष्यवाणी की गई है। चार में कांग्रेस को तो एक में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया गया है।

    रिकॉर्ड वोटिंग के बाद इसके पैटर्न से भी कुछ साफ नहीं हो रहा है। कांग्रेस, भाजपा, जेडीएस अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं। राज्य में अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 8 चुनावों में वोटिंग परसेंटेज में इजाफा हुआ, जिसमें सिर्फ एक बार 1962 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है। वहीं, पांच चुनाव में वोट प्रतिशत कम रहा, जिसमें भाजपा एक बार सत्ता में लौटी।

  • राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई
    राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।

    पहली बार 73.19% मतदान, पिछले चुनाव से 1% ज्यादा
    10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है।

  • कई बड़े चेहरों की किस्मत दांव पर, इनमें 4 सीएम फेस भी
    इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े चेहरों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, भाजपा के बसवराज बोम्मई प्रमुख फेस हैं। अगर इनकी पार्टी चुनाव जीतती है तो ये सीएम हो सकते हैं।

    वहीं, भाजपा से येदियुरप्पा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए भी यह बेहद अहम चुनाव है। खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर टेस्ट है। अगर वे कांग्रेस की सरकार बना ले जाते हैं तो पार्टी में उनका कद बढ़ जाएगा। वहीं, येदियुरप्पा पर भाजपा ने पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा भरोसा किया है।

  • 2018 में भाजपा को बहुमत नहीं… फिर भी सरकार बनाई

    2018 में भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा से येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन सदन में बहुमत साबित न कर पाने की वजह से 23 मई को इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस-JDS की गठबंधन सरकार बनी।

  • 14 महीने बाद कर्नाटक की सियासत ने फिर करवट ली। कांग्रेस और JDS के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इन बागियों को येदियुरप्पा ने भाजपा में मिलाया और 26 जुलाई 2019 को 119 विधायकों के समर्थन के साथ वे फिर मुख्यमंत्री बने, लेकिन 2 साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया।
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