Acn18.com/कोरबा को मेडिकल अस्पताल का तमगा तो मिल गया है लेकिन आज भी सुविधाओं मामले में अस्पताल पिछड़ा हुआ है। अस्पताल में सुविधाओं की किस कदर कमी है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि मरीज अपने परिजनों को गोद में उठाकर इधर से उधर ले जाने को मजबूर है। अस्पतालीन स्टाफ से जवाब तलब किया जाता है,तो उनके द्वारा बुरा बर्ताव किया जाता है।
उंची दुकान फीकी पकवान वाली कहावत कोरबा के मेडिकल काॅलेज से संबंद्ध जिला अस्पताल पर बिल्कुल फिट बैठती है। सुविधाओं के नाम पर पैसों को पानी की तरह बहाने के बाद भी मरीजों को स्ट्रेचल तक की सुविधा नसीब नहीं हो पा रही है। दूर दराज से मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले लोगों को गोद में उठाकर ही मरीज को इधर से उधर ले जाना पड़ रहा है। ग्राम ढुरैना से अपनी दादी को लेकर अस्पताल पहुंचे युवक ने बताया,कि स्ट्रेचर के अभाव में उसे काफी परेशान होना पड़ा। पर्ची कटवाने से लेकर चिकित्सक तक ले जाने काम उसने अपनी दादी को गोद पर बिठा कर ही पूरा किया।
सुविधाओं की कमी के साथ ही अस्पतालीन स्टाफ के दुव्र्यवहार से भी लोग काफी परेशान है। लोगों का आरोप है,कि सुविधाओं को लेकर पूछताछ की जाती है,तो अस्पताल के कर्मी सीधे मुंह जवाब नहीं देते। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है,कि लोगों को अस्पताल में कितनी दुश्वारियां झेलनी पड़ती होगी।