Acn18.com/राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पांडेय ने ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री करने की मांग की है। उन्होंने कहा, इस फिल्म में लव जिहाद के नाम पर किस तरह देश की भोली भाली लड़कियों को बरगलाया जाता है। उन्हें आतंकवाद के दलदल में ढकेला जाता है। उसकी सच्चाई दिखाई गई है। इसे सभी को देखना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि इस फिल्म को टैक्स फ्री करें।
सरोज पांडेय शनिवार शाम अपने समर्थकों के साथ ‘द केलरा स्टोरी’ फिल्म देखने गई गईं थीं। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में स्कूली छात्र और छात्राएं भी थीं। उन्होंने कहा ‘द केरला स्टोरी’ पूरे देशभर की स्टोरी है। यह छत्तीसगढ़ की भी स्टोरी है।
‘द केरला स्टोरी’ भारतीय समाज की सभी बेटियों को जागरूक करने, उन्हें लव जिहाद जैसी साजिशों से सावधान करने और उन्हें आतंकवाद का टूल्स बना देने की साजिश के खिलाफ जागरूक करने वाली है। कांग्रेस सरकार यदि वास्तव में छत्तीसगढ़ की बेटियों का भला चाहती है तो ‘द केरला स्टोरी’ को छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित करने की जगह टैक्स फ्री कर देना चाहिए।
कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
सरोज पांडेय ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, जब-जब आतंकवाद के खिलाफ समाज को जागरुक करने की कोशिश होती है। आतंकी साजिश बेनकाब होती है या उन पर कार्रवाई होती है, तब-तब कांग्रेस के पेट में मरोड़ क्यों होने लगती है? आखिर क्यों कांग्रेस वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति में आतंकियों के सामने हर बार घुटने पर आ जाती है?
फिल्म पर प्रतिबंध लगाने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
सरोज पांडेय ने छत्तीसगढ़ में इस फिल्म पर प्रतिबंधित न लगाने की मांग की है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इन चर्चाओं से स्पष्ट है कि कांग्रेस सामाजिक सद्भावना को नष्ट करने वाली आतंकी प्रवृत्ति के साथ खड़ी नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि ‘द केरला स्टोरी’ आतंकवादियों की नीतियों की साजिशों का पर्दाफाश करने वाली फिल्म है। इस पर प्रतिबंध लगाने की जगह इसे टैक्स फ्री करना चाहिए, जिससे हर बच्चा, युवा, बुजुर्ग इसे देखकर इसके प्रति जागरूक हो सके।
कांग्रेस विधायक ने कहा- सच्ची घटनाओं पर बनी है फिल्म
इस पूरे मामले पर कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने कहा है कि, कांग्रेस एक धर्म निरपेक्ष पार्टी है। ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म सच्ची घटनाओं पर बनी है। रही बात फिल्म को टैक्स फ्री करने की तो ये मुख्यमंत्री के संज्ञान में है। वो जो भी निर्णय लेंगे जनता के हित को देखते हुए लेंगे।