Acn18.com/छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशभर के 15 हजार कोटवारों का मानदेय बढ़ाया है। जिसे लेकर कोटवार एसोसिएशन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार करेगा। इसके साथ ही वे अपनी कई अन्य मांगों को सीएम के सामने रखेंगे। यह मुलाकात 3 मई को प्रदेश स्तरीय आभार सम्मेलन साइंस कॉलेज ग्राउंड में होगी।
कोटवार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम किशोर बाघ ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों और तहसीलों से हजारों की संख्या में कोटवार राजधानी पहुंचेंगे और सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में कोटवारों के संबंध में लिखी किताब कोटवार की प्रथम प्रति को मुख्यमंत्री को भेंट करेंगे। आगे उन्होंने कहा कि कोटवार एक लंबे समय से नियमतिकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन आज तक उन्हें कर्मचारी का दर्जा नहीं मिल पाया।
उन्होंने कहा कि आजादी के पहले राजा महाराजाओं ने गांव की सेवा करने के बदले उन्हें जमीने दी थी। जिससे वे अपना भरण-पोषण करते थे। सरकार ने उन जमीनों को वापस अधिग्रहित कर लिया और शासकीय बना दिया। जिससे वे जमीन से वंचित हो गये। आगे उन्होंने कहा कि 23 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री ने कोटवारों के प्रांतीय सम्मेलन में वादा किया था कि जल्द वे उनकी जमीन वापस लौटा देंगे। लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोटवारों का कहना है कि पीढ़ी दर पीढ़ी वे सेवा कर रहे हैं लेकिन उनका भविष्य अंधकार में है। न तो कोटवारों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिलता और न पेंशन ग्रेच्युटी का प्रावधान है और न किसी भी प्रकार के बीमा का लाभ दिया जाता है। नगर पालिका निगम क्षेत्र में कोटवार नियुक्ति में प्रतिबंध लगा दिए जाने से कोटवार का परिवार भूखे मरने की स्थिति में पहुंच चुके है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द कोटवारों की मांग पूरी करनी चाहिए।