Acn18.com/अलग-अलग कारणों से बच्चों में होने वाली कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ के संकृति जिले में स्नेहिल कार्यक्रम को लांच किया गया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम को संचालित कर रहा है। प्रायोगिक रूप से सफलता प्राप्त होने के बाद अब एक नए लक्ष्य के साथ इस योजना को आगे बढ़ाने का काम किया गया है।
स्वास्थ विभाग के अधिकारियों से लेकर मैदानी अमले के अलावा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से स्नेहिल कार्यक्रम का संचालन नवीन जिले शक्ति में प्रारंभ किया गया है। समझने की कोशिश की जा रही है कि आखिर बच्चों में कुपोषण के पीछे मूल कारण क्या है और दूर करने के लिए क्या किया जाए। सरकारी अस्पतालों के साथ ही दूसरे स्तर पर जन जागरण और संबंधित कोशिश करने के साथ लोगों को जानकारी दी जा रही है कि वह अपने बच्चों पर नजर रखें और समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श लें। सीएमएचओ डॉ सूरज राठौर ने बताया कि स्नेहिल योजना के डेटाबेस के आधार पर काम किए जा रहे हैं फिलहाल इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
कुपोषित बच्चों के मामले में इस तरह की समस्या आखिर क्यों है और कितनी जल्दी से निराकृत किया जाए इसे लेकर प्रशासन भी सतर्क। कलेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक चरण में 200 बच्चों के लक्ष्य पर हमने काम किया और 65 बच्चों को सामान्य स्थिति में लाने में सफलता हासिल की। इसलिए अब 1000 बच्चों के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है। मेडिकल नीड्स के अलावा अन्य पहलुओं पर हमने ध्यान दिया है।
शक्ति जिले में कुपोषण के खिलाफ जो लड़ाई संयुक्त रूप से चल रही है उसके अब तक के परिणाम संतोषजनक रहे हैं प्रशासनिक इकाइयों के विकेंद्रीकरण को लेकर प्रदेश सरकार ने जांजगीर चांपा से विभाजित कर सकती को अलग जिला बनाया है। इसी के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए काम किए जा रहे हैं उम्मीद की जा रही है कि स्नेहिल कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के अधिकतम कुपोषित बच्चों को पूरी तरह से स्वस्थ करने में सफलता प्राप्त होगी।