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ऋषिझरन वॉटर फॉल में 57 प्रजातियों की तितलियां:3 नई प्रजातियों का भी चला पता;विशेषज्ञों ने कहा- संरक्षण के लिए बटरफ्लाई पार्क बनाने की जरूरत

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Acn18.com/गरियाबंद जैव विविधता अध्ययन दल को ऋषिझरन वॉटर फॉल इलाके में तितलियों की 57 प्रजातियां मिली हैं, जिस पर रिसर्च जर्नल जूस प्रिंटमें एक रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई है। वहीं 3 नई प्रजातियों को छत्तीसगढ़ प्राणी समूह में शामिल किया गया है। पिछले 3 सालों से किए जा रहे अध्ययन से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में दर्ज 174 प्रजातियों में से 57 तरह की तितलियां ऋषिझरन वॉटर फॉल के 5 किलोमीटर के दायरे में पाई जाती हैं। इससे वन्यजीव विशेषज्ञ भी बेहद उत्साहित हैं।

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ऋषिझरन में मौजूद 6 प्रजाति की तितलियां वन्य प्राणी संरक्षण अनुसूची में शामिल हैं। देवभोग से 25 किमी की दूरी पर मौजूद ऋषिझरन को अब तक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का ही माना जाता रहा है, लेकिन पिछले 3 साल हो रहे अध्ययन ने ये साबित कर दिया है कि ये इलाका तितलियों का अनुकूल और नैसर्गिक आवास है। जैव विविधता के शोध को प्रकाशित करने वाली रिसर्च जर्नल जूस प्रिंट ने 21 अप्रैल को एक शोध की रिपोर्ट का प्रकाशन किया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित ऋषि झरन का जिक्र है।

जर्नल जूस प्रिंट में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट में तितलियों की 3 नई प्रजाति डबल बेंडेड जुड़ी, व्हाइट टिप्ड लाइन ब्लू और स्मॉल फ्लैस का जिक्र है, जो ऋषिझरन वॉटर फॉल के आसपास पाई जाती हैं। विभिन्न संस्थानों के प्रोफेसर और स्थानीय युवा छात्र का एक दल 2018 से लगातार इस विषय पर शोध कर रहा है। इस अध्ययन दल में हित नारायण टंडन, विभागाध्यक्ष प्राणीशास्त्र, संत गुरु घासीदास शासकीय महाविद्यालय कुरुद, गुलाब चंद सहायक प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र शासकीय कन्या महाविद्यालय जगदलपुर, रवि नायडू सदस्य क्रो फाउंडेशन जगदलपुर, रामानंद अग्रवाल रिसर्चर एमएससी प्राणी शास्त्र, पंडित श्याम शंकर मिश्र शासकीय महाविद्यालय देवभोग और डॉ जयंत बिश्वास गुफा वैज्ञानिक नेशनल केव रिसर्च एंड प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं।

ऋषिझरन में 57 प्रजाति, जिनमें से 6 सरंक्षित प्रजाति के

शोध दल में शामिल प्रोफेसर हित नारायण टंडन ने बताया कि ऋषिझरन वॉटर फॉल इलाके में पाए जाने वाले अनुकूल माहौल तितलियों के रहवास के लिए उपयुक्त है। ऐसा पहली बार हुआ है कि 5 किमी के सीमित इलाके में एक साथ 57 प्रजाति मिली हों। ऋषिझरन से रिकॉर्ड किए गए इन 57 प्रजातियों में व्हाइट टिप्ड लाइन ब्लू सहित 6 प्रजाति की तितलियां वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की अनुसूचियों में संरक्षित श्रेणी में रखे गए हैं।अनुसूची एक में कॉमन पिरो- (कैसटेलिस रोसिमोन), व्हाइट टिप्ड लाइन ब्लू (प्रोसोटस नोरीया) अनुसूची 2 में कॉमन लाइन ब्लू (प्रोसोटस नोरा), पॉईंटेड सिलीएट ब्लू (एंथेनि लायकेनिया), इंडिगो फ्लैस (रापाला वरुणा) अनुसूची 4 में कम्प्लीट पैंट ब्रश स्विफ्ट (बाओरिस फर्री) के नाम शामिल हैं।

जगदलपुर की तर्ज पर बटरफ्लाई पार्क बनाने की जरूरत

अध्य्यन दल में शामिल जगदलपुर क्रो फाउंडेशन के सदस्य रवि नायडू ने बताया कि ऋषिझरन वॉटरफाल के जैव विविधता का अध्ययन करने के दौरान हमने पाया कि यह पूर्वी तटीय इलाका है। साल के लंबे व छायादार घने वृक्ष होने के कारण एक स्थान पर इतनी प्रजाति के तितलियां एक जगह मिल रही हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

अनुसूची में शामिल जीवों के आवास और पर्यावरण को हानि पहुंचाने या इनके शिकार, अवैध व्यापार, पालतू बनाए जाने पर गैर जमानती अपराध की धाराएं लगती हैं। इन जीवों के संरक्षण के लिए राज्य की अलग-अलग संस्थाएं काम कर रही हैं, जिनमें से क्रो फाउंडेशन जगदलपुर, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा और बायोडायवर्सिटी कन्सर्वेशन सोसायटी है। जगदलपुर में चलाए जा रहे अभियान की तरह सरकार यहां भी सरंक्षण के लिए अभियान चलाने की जरूरत है।

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