Acn18.com/2500 रुपए के बेरोजगारी भत्ता का ढिंढोरा पीटने के सरकारी प्रयासों की खिलाफत अब शुरू हो गई है। भारतीय जनता युवा मोर्चा ने वास्तविकता बताने के लिए रोजगार कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया। एक साथ सभी स्थानों पर ऐसे प्रदर्शन किए गए। कोरबा में प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस बल लगाया गया था।
भाजपा प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रैली निकालने के साथ रामपुर क्षेत्र स्थित जिला रोजगार कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। झंडे बैनर के साथ कार्यकर्ता यहां पर पहुंचे हुए थे जिनके द्वारा सरकार की बेरोजगारी भत्ता नीति की विसंगति को लेकर विरोध जताया गया। पहले से ही प्रदर्शन की जानकारी होने के मद्देनजर कार्यालय परिसर में पुलिस की व्यवस्था की गई थी। इस पर भी यहां प्रदर्शन हुआ। युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पंकज सोनी ने आरोप लगाया कि बेमतलब के नियम और शर्तें लादने के साथ वास्तविक बेरोजगारों को लाभ से वंचित किया जा रहा है।
भाजपा नेता विकास महतो ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 36 घोषणा की थी जिनमें से एक बेरोजगारी भत्ता भी था। सबसे हैरानी की बात यह है कि जितनी संख्या में बेरोजगारों का पंजीयन है उसकी तुलना में 10% या उससे भी कम लोगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में बाकी लोग क्या करेंगे जिनका पंजीकरण जिला रोजगार कार्यालय में है।
सरकार के द्वारा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ इस योजना पर अमल करने की मानसिकता बनाई गई। घोषणा होने के साथ हर बेरोजगार को लग रहा था कि उसका जीवित पंजीयन उसे 2500 रुपए की आर्थिक सहायता दिलाने का माध्यम बन सकता है लेकिन ऐसा सोचना सच साबित नहीं हो सका। जब योजना की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक हुई तो बड़ी संख्या में युवाओं के हाथ से तोते उड़ गए। जब उन्होंने देखा कि योजना का क्राइटेरिया काफी जटिल कर दिया गया है और एक तरह से योजना के दायरे से बाहर निकालने की कोशिश की गई है। इसलिए विपक्षी दल ने युवाओं के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की है। देखना होगा कि इस तरह के वातावरण से सरकार क्या कुछ नीतिगत बदलाव करने की मानसिकता बनाती है।