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बंजारी गांव में तरबूज और खरबूज की खेती से कमाए 3 लाख, गर्मी के मौसम में बनी हुई है बेहतर मांग

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Acn18.com/तापमान की बढ़ोतरी के बीच लोगों को राहत प्राप्त करने के लिए कई विकल्पों पर काम करने की जरूरत होती है । गर्मी के मौसम में खीरा, तरबूज और खरबूज की मांग सबसे ज्यादा बनी हुई है । 80% पानी की उपस्थिति से भरपूर इन फलों की खेती करने वाला वर्ग कोरबा जिले में काफी नाम अर्जित कर रहा है।

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नदी नाले के किनारे रेतीली जमीन पर बहुत अच्छी पैदावार होती है तरबूज खरबूज और खीरा की। जहां कहीं भी इनकी पैदावार की जा रही है इलाके ऐसे ही होते हैं। वर्ष 2023 में मौसमी फल की यह तस्वीर कोरबा जिले के करतला विकासखंड के अंतर्गत बंजारी गांव की है। समय लाल और लता ने 5 एकड़ की अपनी खुद की जमीन पर गर्मी के मौसम की फसल लगाई और बेहतर उत्पादन करने में सफलता हासिल की। मौसम की अनुकूलता का लाभ इन लोगों को प्राप्त हुआ है। उत्पादक वर्ग ने बताया कि उन्हें इस सीजन में अब तक 3 लाख रुपए का फायदा हुआ है।

किसानों ने बताया कि फसल चक्र परिवर्तन के लिए उन्हें उद्यानिकी विभाग से सहायता और सलाह मिली। बारिश के बाद वह इसी स्थान पर नई फसल लेंगे।

जानकारी के अनुसार तरबूज और खरबूज मीठा, स्वादहीन और कड़वे तीनों रूपों में पाया जाता है। इसकी उत्पत्ति का स्थान दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल के आसपास बताया जाता है। कहा जाता है कि तरबूज की पहली फसल मिस्र में लगभग 5 हजार साल पहले उगाई गई थी। तरबूजों को अक्सर राजाओं की कब्रों में रखा जाता था, ताकि वो जिंदगी के बाद भी उन्हें पोषित कर सकें। कालांतर में उपयोगकर्ताओं से होते हुए यह फल दुनिया के बड़े हिस्से में साल गए और फिर वहां इनका उत्पादन शुरू हो गया। के साथ इनकी वैरायटी पर भी काम किया गया और अब दुनिया भर में गर्मी के सीजन में यह फल लोगों के चहेते बने हुए हैं।

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